पीएम मोदी ने दलाई लामा को जन्मदिन की दी शुभकामनाएं, कहा – प्रेम और करुणा के प्रतीक हैं परम पावन

  • Post By Admin on Jul 06 2025
पीएम मोदी ने दलाई लामा को जन्मदिन की दी शुभकामनाएं, कहा – प्रेम और करुणा के प्रतीक हैं परम पावन

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं और उन्हें प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन का प्रतीक बताया। पीएम मोदी इस समय ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जहां से उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह संदेश साझा किया।

प्रधानमंत्री ने लिखा— “मैं 1.4 अरब भारतीयों की ओर से परम पावन दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के स्थायी प्रतीक रहे हैं। उनका जीवन सभी धर्मों में आपसी सम्मान और प्रेरणा का संदेश देता है। हम उनकी अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना करते हैं।”

रणनीतिक संकेत और चीन की तीखी प्रतिक्रिया

पीएम मोदी की यह सार्वजनिक शुभकामना ऐसे समय में आई है जब दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय बहस तेज हो गई है। चीन ने भारत को इस मुद्दे पर ‘सावधानी बरतने’ की चेतावनी दी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत को तिब्बत से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए, क्योंकि यह चीन का आंतरिक मामला है।

चीन वर्षों से दलाई लामा को अलगाववादी करार देता रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनकी उपस्थिति का विरोध करता है। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे दलाई लामा को भारत सरकार लंबे समय से शरण दिए हुए है।

बदलती रणनीति: 2021 से आया बड़ा बदलाव

गौरतलब है कि 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार दलाई लामा को सार्वजनिक रूप से जन्मदिन की बधाई दी थी, जबकि इससे पहले की सरकारें चीन को नाराज़ न करने की नीति के तहत दलाई लामा से दूरी बनाए रखती थीं। इस कदम को भारत की तिब्बत नीति में अहम मोड़ माना गया था।

अमेरिका का समर्थन

दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं और उन्हें “बेजुबानों की आवाज़” बताया। यह संदेश उस वैश्विक समर्थन को रेखांकित करता है जो निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु को अब भी प्राप्त है।

उत्तराधिकारी पर दलाई लामा का बयान

अपने जन्मदिन से पूर्व एक बयान में दलाई लामा ने कहा था, “मेरी मृत्यु के बाद भी दलाई लामा की परंपरा जारी रहेगी। उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध परंपरा के अनुसार किया जाएगा।” यह बयान चीन द्वारा थोपे जाने वाले दावों के बीच तिब्बती समुदाय की आत्मनिर्णय की भावना को पुष्ट करता है।

प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं केवल औपचारिक नहीं, बल्कि एक राजनयिक संकेत भी हैं—जो भारत की बदली हुई तिब्बत नीति और दलाई लामा के प्रति समर्थन को दर्शाता है। चीन की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में एशियाई कूटनीति का प्रमुख मोर्चा बना रहेगा।