दिलजीत से मिले पीएम मोदी, कंगना पर तंज़ की बाढ़

  • Post By Admin on Jan 02 2025
दिलजीत से मिले पीएम मोदी, कंगना पर तंज़ की बाढ़

नई दिल्ली : पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने नए साल के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात दिलजीत के ‘दिल-लुमिनाटी टूर’ के समाप्त होने के ठीक बाद हुई। 

दिलजीत दोसांझ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ''2025 की ज़बरदस्त शुरुआत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से एक बेहद यादगार मुलाक़ात।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुलाक़ात की तस्वीरें साझा की। उन्होंने गुरुमुखी में ट्वीट किया,'' दिलजीत दोसांझ से बातचीत शानदार रही। वो सचमुच बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक हैं. प्रतिभा और परंपरा का मेल। हमने संगीत, संस्कृति और कई चीजों पर बातें कीं।''

मुलाकात में क्या हुई चर्चा?

दिलजीत ने इस मुलाकात का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वे प्रधानमंत्री के साथ भारत की महानता और योग पर चर्चा करते दिखे। वीडियो में दिलजीत ने कहा कि उनके टूर के दौरान उन्हें समझ आया कि भारत को ‘महान’ क्यों कहा जाता है। मुलाकात के दौरान दिलजीत ने गुरुनानक देव जी पर आधारित एक गीत भी गाया, जिसे प्रधानमंत्री ने सराहा।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर दिलजीत दोसांझ और प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा तेज हो गई। कई लोगों ने इसे दिलजीत की छवि को सकारात्मक रूप से बदलने वाला कदम बताया।

जबकि, कुछ यूजर्स ने कंगना रनौत को लेकर चुटकी ली। गौरतलब हो कि कंगना का दिलजीत के साथ किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक विवाद हुआ था। लोगों ने यह भी कहा कि पीएम मोदी का समर्थक करने के बावजूद भी कंगना को मोदी से मिलने का अवसर नहीं मिला।

वहीं, कुछ ने दिलजीत के खिलाफ खालिस्तानी आरोपों और उनके किसानों के समर्थन को लेकर पुराने विवादों का ज़िक्र किया।

दिल-लुमिनाटी टूर और विवाद

दिलजीत का ‘दिल-लुमिनाटी टूर’ 26 अक्टूबर 2024 को दिल्ली से शुरू हुआ और 31 दिसंबर को लुधियाना में समाप्त हुआ। हालांकि, यह टूर विवादों से भी काफी घिरा रहा।

इंदौर में बजरंग दल ने उनके कॉन्सर्ट का विरोध किया था। जबकि चंडीगढ़ में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शराब और गानों को लेकर चेतावनी जारी की थी।

वहीं, चंडीगढ़ में 14 दिसंबर को दिलजीत दोसांझ परफॉर्म करने पहुंचे थे। इससे दो दिन पहले उन्होंने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में Punjab को Panjab लिख दिया था, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया।

साल 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय पंजाब के भी दो हिस्से हुए थे।

सवाल उठाने वाले लोगों को मानना है कि पाकिस्तान वाले हिस्से के पंजाब को अंग्रेजी में Panjab लिखते हैं, जबकि भारत के हिस्से वाले पंजाब को Punjab लिखा जाता है। इसी को मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आरोप लगाया कि वह पंजाब से जुड़ी पाकिस्तानी पहचान को आगे बढ़ा रहे हैं।

किसानों के आंदोलन का समर्थन

दिलजीत दोसांझ ने 2020 में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का समर्थन किया था, जिसके चलते वे बीजेपी समर्थकों के निशाने पर आए थे।