जानें क्यों ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में एस. जयशंकर को मिली पहली पंक्ति में जगह 

  • Post By Admin on Jan 23 2025
जानें क्यों ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में एस. जयशंकर को मिली पहली पंक्ति में जगह 

नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में भारत की उपस्थिति काफी असरदार रही। शपथ समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री एस. जयशंकर को विशेष रूप से पहली पंक्ति में जगह दी गई। इस सम्मान ने भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को स्पष्ट रूप से उजागर किया।

शपथ ग्रहण समारोह में पहली पंक्ति में बैठाए जाने के सवाल पर जयशंकर ने मुस्कुराते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत को स्वाभाविक रूप से बहुत अच्छे तरीके से सम्मानित किया जाता है।" विदेश मंत्री जयशंकर ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र राष्ट्रपति ट्रंप को सौंपा। उन्होंने इसे भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत बताया।

जयशंकर ने ट्रंप प्रशासन की भारत के प्रति उत्सुकता को रेखांकित करते हुए कहा, "यह साफ है कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है।" समारोह के दौरान भारत को मिली अहमियत को दोनों देशों के बीच विश्वास और रणनीतिक साझेदारी के बढ़ते स्तर का प्रतीक माना जा रहा है।

वाशिंगटन में अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान जयशंकर ने कई उच्च-स्तरीय बैठकों में भाग लिया। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इसके साथ ही, उन्होंने क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के उनके समकक्ष नेताओं ने भाग लिया।

जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई फोन वार्ता का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच मजबूत विश्वास और साझा हितों का मेल है। ट्रंप प्रशासन और मोदी सरकार दोनों अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना चाहते हैं।

जयशंकर ने अमेरिकी वीजा प्रक्रिया में देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, वीजा में देरी व्यापार, पर्यटन और लोगों के आपसी संपर्क को प्रभावित करती है। उन्होंने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को वास्तविक साझेदारी में बदलने की जरूरत पर जोर दिया।

जयशंकर ने कहा, हमें साहसी होना होगा, बड़ा सोचना होगा, और अधिक महत्वाकांक्षी होना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल में स्थापित बुनियादी ढांचे पर काम जारी रखते हुए दोनों देश एक मजबूत साझेदारी की ओर बढ़ सकते हैं।