भारत के पास पाकिस्तान से अधिक परमाणु हथियार, चीन तीन गुना आगे
- Post By Admin on Jun 17 2025
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नई दिल्ली : भारत के पास अब पाकिस्तान से अधिक परमाणु हथियार हैं, लेकिन चीन इस मामले में भारत से तीन गुना आगे है। यह खुलासा स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में किया गया है, जो सोमवार को जारी की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 तक भारत के पास 180 परमाणु हथियार थे, जबकि पाकिस्तान के पास 170। वहीं चीन 600 परमाणु हथियारों के साथ इस सूची में भारत और पाकिस्तान दोनों से काफी आगे है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इनमें से 24 हथियारों को पूरी तरह तैनात कर दिया है, जबकि भारत और पाकिस्तान ने फिलहाल अपने किसी भी परमाणु हथियार को सक्रिय तैनाती में नहीं रखा है। SIPRI का कहना है कि भारत ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार किया है और नई मिसाइल प्रणालियों के विकास पर काम तेज कर दिया है। पाकिस्तान भी इसी दिशा में सक्रिय है और उसके भी परमाणु भंडार में विस्तार की संभावना जताई गई है।
रूस और अमेरिका अब भी परमाणु शक्ति के सिरमौर
SIPRI के अनुसार, वैश्विक स्तर पर रूस (5,459) और अमेरिका (5,177) सबसे अधिक परमाणु हथियार रखने वाले देश हैं। इनमें रूस के 1,718 और अमेरिका के 1,770 हथियार तैनात स्थिति में हैं। वहीं चीन के 600 में से 576 हथियार संग्रहित हैं और सिर्फ 24 को ही तैनात किया गया है।
देश | कुल परमाणु हथियार | तैनात हथियार | संग्रहित हथियार |
---|---|---|---|
रूस | 5,459 | 1,718 | 2,591 |
अमेरिका | 5,177 | 1,770 | 1,930 |
चीन | 600 | 24 | 576 |
फ्रांस | 290 | 280 | 10 |
ब्रिटेन | 225 | 120 | 105 |
भारत | 180 | 0 | 180 |
पाकिस्तान | 170 | 0 | 170 |
इजरायल | 90 | 0 | 90 |
उत्तर कोरिया | 50 | 0 | 50 |
भारत का बढ़ता फोकस चीन को साधने वाली क्षमताओं पर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भले ही पाकिस्तान भारत के परमाणु प्रतिरोध का प्रमुख कारण है, लेकिन भारत अब उन हथियार प्रणालियों पर अधिक ध्यान दे रहा है जो चीन के सुदूर इलाकों तक मार कर सकें। भारत की परमाणु क्षमता अब त्रिकोणीय रूप में विकसित हो रही है, जिसमें परमाणु हथियारों को विमान, भूमि आधारित मिसाइलें और पनडुब्बी आधारित प्रणाली जैसे तीनों माध्यमों से संचालित किया जा सकता है।
रिपोर्ट में भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" का भी संक्षिप्त उल्लेख किया गया है, जिसे परमाणु क्षमताओं के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।
हथियारों की दौड़ में भारत वैश्विक स्तर पर भी अग्रणी
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 से 2024 के बीच भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक देशों में शामिल रहा। इस दौरान यूक्रेन, भारत, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान ने वैश्विक हथियार आयात में कुल 35% हिस्सेदारी दर्ज की।
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश दोहरी-क्षमता वाली मिसाइलें विकसित कर रहे हैं, जिन्हें पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियारों से लैस किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को SIPRI ने वैश्विक सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक बताया है।
SIPRI की यह रिपोर्ट भारत की परमाणु ताकत में बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट करती है कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति संतुलन में प्रतिस्पर्धा लगातार तेज हो रही है।