राकेश शर्मा के बाद अब शुभांशु की बारी, आज लॉन्च होगा भारत का अगला अंतरिक्ष मिशन
- Post By Admin on Jun 25 2025

नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जुड़ने जा रहा है। शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले जाने वाला बहुप्रतीक्षित एक्सिओम-4 मिशन आज 25 जून को लॉन्च किया जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पुष्टि की है कि मिशन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब इसकी लॉन्चिंग को लेकर कोई बाधा शेष नहीं है।
यह मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से शुरू किया जाएगा। शुभांशु शुक्ला के साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री—पैगी व्हिटसन (कमांडर), हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्निएव्स्की भी अंतरिक्ष की इस ऐतिहासिक यात्रा में शामिल रहेंगे।
तीन देशों की साझेदारी, भारत के लिए गौरव का क्षण
इस मिशन को अमेरिका की नासा, निजी कंपनी स्पेस-एक्स और भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के संयुक्त प्रयास से अंजाम दिया जा रहा है। मिशन की सफलता भारत के लिए ऐतिहासिक होगी, क्योंकि शुभांशु शुक्ला इसरो के सहयोग से आईएसएस पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे। यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो वे राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे।
फाल्कन 9 रॉकेट और स्पेस-एक्स ड्रैगन से होगी उड़ान
मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्री फाल्कन 9 रॉकेट से रवाना होंगे, जिसमें स्पेस-एक्स का नया ड्रैगन अंतरिक्ष यान इस्तेमाल किया गया है। यह यान 26 जून की सुबह लगभग 7:00 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा। नासा और स्पेस-एक्स के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस ऐतिहासिक लॉन्च का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।
मिशन की कमान अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्री के हाथ में
इस मिशन का नेतृत्व अनुभवी अमेरिकी महिला अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जो इससे पहले भी कई अंतरिक्ष यात्राएं कर चुकी हैं। वहीं शुभांशु शुक्ला इस अभियान में पायलट की भूमिका निभाएंगे।
तकनीकी कारणों और खराब मौसम के चलते यह मिशन पहले कई बार टल चुका है, लेकिन अब इसके लॉन्च की अंतिम उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। यह मिशन सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग की दृष्टि से भी एक अहम पड़ाव माना जा रहा है।
देशभर में उत्साह, ऐतिहासिक पल का इंतजार
देशभर में इस मिशन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेगी, साथ ही भारत के बढ़ते अंतरिक्ष शक्ति के प्रतीक के रूप में भी देखी जा रही है। अब सबकी निगाहें उस ऐतिहासिक क्षण पर टिकी हैं, जब भारत का नाम एक बार फिर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।