पंडित नेहरू की 135वीं जयंती, भारतीय राजनीति और समाज में उनकी स्थायी धरोहर
- Post By Admin on Nov 14 2024
नई दिल्ली : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 135वीं जयंती आज देशभर में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। हर वर्ष 14 नवम्बर को ‘बाल दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, जो नेहरू जी के बच्चों के प्रति उनके गहरे स्नेह और योगदान को याद करने का एक खास अवसर है।
पंडित नेहरू का जीवन एक प्रेरणास्त्रोत
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता और महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे। 15 अगस्त 1947 को जब भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की, तो नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति में निर्णायक मोड़ साबित हुआ और उन्होंने भारतीय समाज को आधुनिकता की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेहरू जी का बच्चों के प्रति विशेष स्नेह था और यही कारण है कि उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे मानते थे कि देश के भविष्य का निर्माण बच्चों की शिक्षा और उनके समग्र विकास पर निर्भर है। उनका कहना था कि ‘‘हमारे देश का भविष्य हमारे बच्चों में है’’। उन्होंने बच्चों के लिए अनेक योजनाएं बनाई। जिनमें शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, बच्चों के लिए पुस्तकालय और खेलकूद के अवसर सुनिश्चित करने की पहल शामिल थी।
आर्थिक और सामाजिक सुधारों की दिशा
नेहरू जी ने भारतीय समाज के आर्थिक और सामाजिक पुनर्निर्माण के लिए कई योजनाओं को लागू किया। उन्होंने औद्योगिकीकरण और विज्ञान के क्षेत्र में भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए कदम उठाए। उनके नेतृत्व में ही भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की स्थापना हुई। इसके अलावा उनकी नीतियों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बढ़ावा देना, हरित क्रांति और पंचवर्षीय योजनाओं का कार्यान्वयन शामिल था।
पंडित नेहरू ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और समाजवाद को भारतीय राजनीति की नींव माना। उनके नेतृत्व में भारत ने न केवल स्वतंत्रता प्राप्त की, बल्कि उसने एक मजबूत लोकतांत्रिक समाज की दिशा में कदम बढ़ाए। उनका योगदान न केवल भारतीय राजनीति में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया। उनका आदर्श आज भी भारतीय नेताओं और नागरिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
समर्पण और श्रद्धांजलि
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की। आज उनके योगदान को याद किया गया। विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं और संगठनों ने बालकों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया, ताकि नेहरू जी के आदर्शों और उनके विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।