ISS से PM मोदी से बोले शुभांशु शुक्ला – अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है, भारत माता की जय

  • Post By Admin on Jun 29 2025
ISS से PM मोदी से बोले शुभांशु शुक्ला – अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है, भारत माता की जय

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) में पहुंचे भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऐतिहासिक संवाद किया। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को निहारने के अनुभव साझा किए और कहा, "भारत बहुत भव्य दिखता है... अंतरिक्ष से भारत माता की जय!"

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को “नए युग की शुरुआत” बताया और शुभांशु को अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आप भले ही भारतभूमि से दूर हों, लेकिन 140 करोड़ देशवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं।”

शुभांशु ने भी भावुक अंदाज में कहा, “इस यात्रा के हर क्षण में देश के गौरव का भाव समाया है। जीरो ग्रैविटी में सोना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन भारत का झंडा देखकर सारी थकान मिट जाती है।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खुद अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा लगाया, जो उन्हें गहरे स्तर पर भावुक कर गया।

इस ऐतिहासिक बातचीत में पीएम मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में पूछा कि क्या उन्होंने विदेशी साथियों को गाजर का हलवा खिलाया या नहीं, जिस पर शुभांशु मुस्कुराए और बताया कि साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ भारत की संस्कृति साझा करना उनके लिए गर्व की बात है।

प्रधानमंत्री ने देश की युवा पीढ़ी के लिए शुभांशु से संदेश भी दिलवाया। इस पर उन्होंने कहा, “बड़े सपने देखिए और कभी प्रयास करना मत छोड़िए, सफलता का कोई एक रास्ता नहीं होता।”

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता और भारत के आने वाले अंतरिक्ष अभियानों की चर्चा करते हुए कहा कि अब भारत को खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है और चंद्रमा पर मानव भेजना है, जिसमें शुभांशु जैसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों का योगदान अमूल्य होगा।

प्रधानमंत्री ने शुभांशु की इस यात्रा को "विकसित भारत" के लिए एक नई गति देने वाला कदम बताया और कहा कि यह पल पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

बातचीत के अंत में शुभांशु ने फिर कहा, “मैं जहां हूं, वहां से केवल अंतरिक्ष की विशालता नहीं, भारत की गरिमा भी दिख रही है। भारत माता की जय।”

इस ऐतिहासिक संवाद ने भारत के अंतरिक्ष मिशन को नई प्रेरणा दी है और देश की अगली पीढ़ी को विज्ञान एवं अनुसंधान की दिशा में आगे बढ़ने का स्पष्ट संदेश।