शेयर बाजार में भूचाल : SEBI ने जेन स्ट्रीट ग्रुप पर लगाया बैन, ₹4843 करोड़ के अवैध मुनाफे की होगी वसूली

  • Post By Admin on Jul 04 2025
शेयर बाजार में भूचाल : SEBI ने जेन स्ट्रीट ग्रुप पर लगाया बैन, ₹4843 करोड़ के अवैध मुनाफे की होगी वसूली

मुंबई : भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी फाइनेंशियल फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप और उससे जुड़ी पांच अन्य कंपनियों पर तत्काल प्रभाव से कारोबार करने पर रोक लगा दी। सेबी ने इन पर वायदा एवं विकल्प (F&O) सेगमेंट में बाजार नियमों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है।

SEBI के आदेश के मुताबिक, जेन स्ट्रीट ने कैश इक्विवैलेंट नियमों का उल्लंघन कर ₹4843 करोड़ का अवैध मुनाफा कमाया। नियामक ने इस पूरी राशि को एक राष्ट्रीयकृत बैंक के एस्क्रो खाते में जमा करने का निर्देश जारी किया है। साथ ही, कंपनी के बैंक खातों से किसी भी तरह की निकासी पर भी तत्काल रोक लगा दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

F&O कारोबार में "कैश इक्विवैलेंट" उन परिसंपत्तियों को कहा जाता है जिन्हें आसानी से नकद में बदला जा सकता है, जैसे कि अल्पकालिक सरकारी बॉन्ड या फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज। इन्हें ट्रेडर्स मार्जिन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। सेबी का आरोप है कि जेन स्ट्रीट ग्रुप ने इस सिस्टम का अनुचित लाभ उठाकर बाजार में हेरफेर किया और नियमों को दरकिनार कर भारी मुनाफा कमाया।

किन कंपनियों पर लगा प्रतिबंध?

इस प्रतिबंध के दायरे में निम्नलिखित कंपनियां शामिल हैं:

  • जेन स्ट्रीट ग्रुप

  • जेएसआई इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड

  • जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड

  • जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड

  • जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड

SEBI ने जेन स्ट्रीट को निर्देश दिया है कि वह अपनी सभी मौजूदा F&O पोजीशन को तीन महीनों के भीतर या एक्सपायरी डेट से पहले बंद कर दे। इस दौरान ये कंपनियां प्रतिभूतियों की कोई भी खरीद-बिक्री या लेन-देन नहीं कर सकेंगी, चाहे वह प्रत्यक्ष हो या परोक्ष।

बाजार में पारदर्शिता को लेकर सेबी सख्त

सेबी का यह कदम भारतीय पूंजी बाजार में पारदर्शिता, निष्पक्षता और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उसकी गंभीरता को दर्शाता है। जानकारों का मानना है कि यह कार्रवाई आने वाले समय में विदेशी निवेशकों और बड़ी ट्रेडिंग कंपनियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारतीय बाजार में किसी भी तरह की हेराफेरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला न केवल भविष्य में रेगुलेटरी सख्ती का संकेत है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि अब F&O सेगमेंट में हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।