फर्जी सिम कार्ड पर सरकार सख्त, AI शील्ड की मदद से करोड़ों कनेक्शन होंगे बंद
- Post By Admin on Jul 04 2025

नई दिल्ली : देश में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड खरीदकर किए जा रहे साइबर फ्रॉड पर अब सरकार ने निर्णायक कार्रवाई का रास्ता अपनाया है। दूरसंचार विभाग ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित अत्याधुनिक टूल 'AI-शील्ड' को लॉन्च किया है, जो मोबाइल कनेक्शनों के सत्यापन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
इस तकनीक के जरिए चेहरे की पहचान और दस्तावेज मिलान के माध्यम से सिम जारी करने की प्रक्रिया और भी सुरक्षित हो जाएगी। विभाग ने बताया कि यदि किसी उपभोक्ता द्वारा फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत किए जाते हैं, तो AI-शील्ड तत्काल उस गड़बड़ी को पहचान लेगा और सिम का वेरिफिकेशन फेल होते ही कनेक्शन ब्लॉक कर दिया जाएगा।
पूरे देश में कड़े सत्यापन की तैयारी
AI-शील्ड तकनीक का उपयोग सिर्फ नए सिम के लिए नहीं, बल्कि मौजूदा सभी मोबाइल सब्सक्राइबर डेटाबेस की जांच में भी किया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन कनेक्शनों में फर्जी दस्तावेज़ पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत बंद कर दिया जाएगा।
दूरसंचार विभाग ने अपने आधिकारिक X हैंडल से जानकारी साझा करते हुए लिखा –
"भारत का फेक शील्ड — अब कोई भी फर्जी पहचान से सिम नहीं ले सकेगा। यह तकनीक भारत के टेलीकॉम सिस्टम को अधिक सुरक्षित, स्मार्ट और धोखाधड़ी-मुक्त बना रही है।"
साइबर अपराध के खिलाफ चल रही है व्यापक मुहिम
गौरतलब है कि सरकार ने इससे पहले 4.2 करोड़ से अधिक फर्जी मोबाइल कनेक्शन ब्लॉक किए थे। इसके अलावा 27 लाख मोबाइल उपकरणों के IMEI नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिए गए, जिससे वे किसी नेटवर्क पर काम न कर सकें। इन कार्रवाइयों का आधार बना था 'संचार साथी' पोर्टल, जहां आम लोग साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
डिजिटल इंडिया को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का यह नया कदम डिजिटल इंडिया मिशन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। मोबाइल फ्रॉड और सिम से जुड़े साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए अब तक का यह सबसे आधुनिक उपाय माना जा रहा है।
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध सिम या मोबाइल नंबर की शिकायत तुरंत ‘संचार साथी पोर्टल’ पर दर्ज करें। इससे देश में डिजिटल ठगी को रोकने में आम जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।