आसमान में एक लाइन में दिखेंगे 6 ग्रह, जानें 396 साल बाद कब दिखेगा दुर्लभ नजारा

  • Post By Admin on Jan 21 2025
आसमान में एक लाइन में दिखेंगे 6 ग्रह, जानें 396 साल बाद कब दिखेगा दुर्लभ नजारा

नई दिल्ली: 21 जनवरी 2025 से लेकर अगले एक महीने तक एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसे "परेड ऑफ प्लैनेट्स" कहा जा रहा है। इस खगोलीय घटना में 6 ग्रह मंगल, शुक्र, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून एक सीधी लाइन में आ जाएंगे और इन्हें धरती से भी देखा जा सकेगा। यह नजारा 8 मार्च तक हर रात आसमान में दिखाई देगा।

क्या है यह परेड ऑफ प्लैनेट्स?

परेड ऑफ प्लैनेट्स एक ऐसी खगोलीय घटना है, जब सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हुए ग्रह एक-दूसरे के करीब एक सीध में आ जाते हैं। यह घटना दुर्लभ होती है, क्योंकि सभी ग्रह एक ही दिशा में और एक ही लाइन में नहीं होते, लेकिन इस घटना में यह एक-दूसरे के ऊपर कुछ डिग्री के अंतर पर होते हुए भी देखने पर एक सीधी लाइन में नजर आते हैं।

इस परेड का हिस्सा बनने के लिए 15 फरवरी के बाद बुध ग्रह भी शामिल हो जाएगा। हालांकि, यह नजारा पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में इसे देखने का सबसे अच्छा समय 21 जनवरी से 21 फरवरी 2025 के बीच होगा। अमावस के दिनों में यह नजारा और भी साफ दिखाई देगा।

कब और कहां देख सकते हैं यह नजारा?

21 जनवरी 2025 से शुरू होकर 8 मार्च तक यह परेड रात के समय देखने को मिलेगी। सूर्यास्त के बाद लगभग साढ़े 8 बजे से यह परेड दिखनी शुरू होगी और साढ़े 11 बजे के बाद ग्रह गायब होने लगेंगे। मंगल, बृहस्पति और यूरेनस ग्रह पूरी रात आसमान में नजर आएंगे, जबकि शनि, बुध और नेप्च्यून सूर्य के पास अस्त होंगे।

ग्रहों की यह परेड अमेरिका, कनाडा, भारत और पूरी दुनिया में देखी जा सकेगी। खासकर घने अंधेरे में, जहां रोशनी कम हो, वहां यह नजारा ज्यादा स्पष्ट दिखाई देगा। नेप्च्यून और यूरेनस ग्रहों को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ेगी। जबकि अन्य ग्रहों को आंखों से देखा जा सकेगा।

ग्रहों का दिखने का तरीका

फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, परेड के दौरान सबसे चमकता ग्रह शुक्र होगा। मंगल ग्रह धरती से लाल रंग के बिंदु के रूप में नजर आएगा। जबकि शनि और बृहस्पति धुंधले बिंदुओं जैसे दिखाई देंगे। बृहस्पति के चारों चंद्रमा भी टेलिस्कोप से देखे जा सकते हैं, जो दक्षिण-पश्चिम दिशा में होंगे।

क्या है 396 साल का दावा?

कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि यह परेड 396 साल में पहली बार हो रही है, लेकिन यह दावा गलत है। असल में, यूनिवर्स की उम्र 13.8 अरब साल है, और ग्रहों का यह परिक्रमा करना कोई नई घटना नहीं है। 28 अगस्त 2024 को भी बुध, मंगल, यूरेनस, नेप्च्यून और शनि ग्रह एक लाइन में दिखे थे और इससे पहले 28 मार्च 2023 को भी ऐसा नजारा देखा गया था।

क्या है इसका असर सोलर सिस्टम पर?

इस तरह की परेड से सोलर सिस्टम पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। ग्रहों का यह परिक्रमा करना एक सामान्य खगोलीय घटना है, जो समय-समय पर होती रहती है।