सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नेपाल में सड़क पर उतरा जेन जी, श्रीलंका-बांग्लादेश की याद ताजा
- Post By Admin on Sep 08 2025
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नई दिल्ली : नेपाल सोमवार को बड़े पैमाने पर युवा आंदोलनों का गवाह बना। राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई, हिंसा भड़की और कई लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ सड़कों पर उतरे।
नेपाल की धरती पर यह कोई पहला युवा आंदोलन नहीं है। राजशाही की समाप्ति से लेकर राजनीतिक अस्थिरता तक, इस छोटे हिमालयी देश ने कई उथल-पुथल देखी है। लेकिन मौजूदा आंदोलन ने श्रीलंका (2022) और बांग्लादेश (2024) के जन-विद्रोह की याद दिला दी, जहां जेन जी की अगुवाई वाले प्रदर्शनों ने सत्ता परिवर्तन तक करा दिया था।
1997 से 2012 के बीच जन्मी जेनरेशन जी तकनीक और सोशल मीडिया की पहली पूर्ण डिजिटल पीढ़ी मानी जाती है। श्रीलंका में ईंधन और खाद्यान्न संकट से उपजे प्रदर्शनों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता छोड़ने पर मजबूर किया था, वहीं बांग्लादेश में नौकरी-कोटा नीति के खिलाफ उठे छात्र आंदोलन ने 16 साल पुरानी शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंका।
नेपाल में भी आंदोलन फिलहाल गैर-राजनीतिक है, और प्रदर्शनकारी पारंपरिक दलों से दूरी बनाए हुए हैं। यह युवाओं की मजबूती भी है और उनकी कमजोरी भी। हालांकि, पड़ोसी देशों के हालात इशारा करते हैं कि यदि असंतोष गहराता गया तो यह आंदोलन अंततः राजनीतिक दिशा भी ले सकता है।