पहली बार मनाया गया विश्व ध्यान दिवस, UN में हुआ ऐतिहासिक कार्यक्रम
- Post By Admin on Dec 21 2024

आज पूरी दुनिया ने पहली बार विश्व ध्यान दिवस (वर्ल्ड मेडिटेशन डे) मनाया। इस ऐतिहासिक अवसर पर न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी मिशन द्वारा 'वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान' विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष महामहिम फीलमोन यांग, संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव अतुल खरे और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में भारत के आध्यात्मिक गुरु गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला और 600 से अधिक प्रतिभागियों को एक विशेष ध्यान सत्र प्रदान किया।
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने अपने संबोधन में ध्यान के लाभों पर चर्चा करते हुए कहा, "मेडिटेशन कोई लग्ज़री नहीं है, बल्कि यह आज की जीवनशैली में एक आवश्यकता बन गई है। यह हमें एकाग्र करता है और अवसाद, ग़ुस्से जैसे मानसिक तनावों से मुक्त करता है।"
6 दिसंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया। भारत ने इस प्रस्ताव को पारित कराने में अहम भूमिका निभाई। यह प्रस्ताव ऐसे समय में शांति और मानव कल्याण को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित करता है जब दुनिया संघर्षों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथनेनी हरीश ने अपने स्वागत भाषण में ध्यान को भारतीय सभ्यता के 'वसुधैव कुटुंबकम' के सिद्धांत से जोड़ते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "ध्यान आंतरिक शांति और संतोष का माध्यम है, जो वैश्विक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देता है।"
संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव अतुल खरे ने ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षकों पर ध्यान का सकारात्मक प्रभाव देखा गया है।
21 दिसंबर को शीत अयनांत (विंटर सोल्सटिस) होता है। इसे भारतीय परंपरा में उत्तरायण की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। यह ध्यान और आंतरिक चिंतन के लिए एक शुभ समय माना जाता है। यह दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के छह महीने बाद आता है जिससे ध्यान और योग के बीच के गहरे संबंध को दर्शाया गया है।