सार्वजनिक दबाव की रणनीति से भारत को खोने का जोखिम उठा रहा है अमेरिका : विशेषज्ञ

  • Post By Admin on Sep 06 2025
सार्वजनिक दबाव की रणनीति से भारत को खोने का जोखिम उठा रहा है अमेरिका : विशेषज्ञ

वाशिंगटन : जर्मन मार्शल फंड के इंडो-पैसिफिक प्रोग्राम की मैनेजिंग डायरेक्टर बोनी ग्लेजर ने आगाह किया है कि अमेरिका की मौजूदा रणनीति, जिसमें भारत की विदेश नीति को खुले तौर पर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, उलटा असर डाल सकती है।

ग्लेजर ने आईएएनएस को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, “ट्रंप प्रशासन यह मानता प्रतीत होता है कि भारत को अमेरिका की ज्यादा जरूरत है, जबकि अमेरिका को भारत की उतनी नहीं। लेकिन यह सोच भारत-अमेरिका संबंधों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।”

उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक की उन शर्तों पर भी प्रतिक्रिया दी, जिनमें भारत से ब्रिक्स से दूरी बनाने और रूसी तेल आयात रोकने की बात कही गई थी। ग्लेजर के अनुसार, “पिछले दो दशकों में दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने के लिए जो मेहनत की गई, वह हाल के महीनों में तेजी से कमजोर हुई है, और यह कई वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के लिए चिंता का कारण है।”

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीर साझा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “भारत और रूस चीन के साथ चले गए हैं।” विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप सोशल मीडिया के जरिए नेताओं को प्रभावित करने की रणनीति अपनाते हैं, लेकिन इस मामले में यह सफल नहीं होगी।

ग्लेजर ने कहा, “ट्रंप की कोशिश है कि भारत असहज होकर अपनी नीतियों में बदलाव करे, मगर इसका असर सीमित रहने वाला है। उल्टा भारत शायद यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य सहयोगी देशों के साथ संबंध और गहरे करेगा।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका अकेले चीन का सामना करने की कोशिश करेगा, तो वह असफल होगा। “ट्रंप कोई रणनीतिकार नहीं हैं। उनका ध्यान सिर्फ ‘अमेरिका को फिर से महान बनाने’ पर केंद्रित है। लेकिन चीन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारों और सहयोगियों का सहयोग जरूरी है।”

ग्लेजर ने अंत में चेताया कि ट्रंप और मोदी के बीच होने वाली संभावित फोन वार्ता जोखिम भरी हो सकती है। उनके अनुसार, दोनों देशों को तत्काल किसी भी टकराव से बचते हुए ‘कूलिंग-ऑफ पीरियड’ अपनाना चाहिए।