ट्रंप का रूस को अल्टीमेटम : 50 दिन में यूक्रेन से शांति समझौता करो, वरना लगेगा 100 प्रतिशत टैरिफ

  • Post By Admin on Jul 15 2025
ट्रंप का रूस को अल्टीमेटम : 50 दिन में यूक्रेन से शांति समझौता करो, वरना लगेगा 100 प्रतिशत टैरिफ

वॉशिंगटन डीसी : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसे 50 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। ट्रंप ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध खत्म नहीं किया और शांति समझौता नहीं किया, तो अमेरिका रूस पर 100% टैरिफ लगाएगा।

ट्रंप ने इसे 'सेकेंडरी टैरिफ' करार दिया, जिसका असर रूस से तेल खरीदने वाले देशों—भारत और चीन—पर भी पड़ सकता है। इससे न केवल रूस की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में भी हलचल की आशंका है।

“ट्रेड का इस्तेमाल युद्ध खत्म करने के लिए करूंगा”
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में नाटो महासचिव मार्क रुटे के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा, “मैं ट्रेड को कई मकसदों के लिए इस्तेमाल करता हूं, लेकिन यह युद्ध खत्म करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका साबित हो सकता है।”

यूक्रेन को मिलेगा और हथियार समर्थन
बैठक के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन को अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, “यूक्रेन को रूस के लगातार हमलों से बचाने के लिए और हथियारों की जरूरत है, और अमेरिका इसमें हरसंभव मदद करेगा।”

सेकेंडरी टैरिफ का क्या मतलब?
सेकेंडरी टैरिफ का मतलब यह है कि सिर्फ रूस ही नहीं, बल्कि वे देश भी अमेरिकी प्रतिबंधों की जद में आएंगे जो रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं—विशेष रूप से ऊर्जा क्षेत्र में। इसका सीधा असर भारत, चीन और अन्य तेल आयातक देशों पर पड़ सकता है, जो रूसी कच्चे तेल पर काफी हद तक निर्भर हैं।

राजनयिक दबाव की नई रणनीति
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की यह धमकी रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की नई रणनीति है, जो सीधे तौर पर वैश्विक व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है।

रूस की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल रूस की ओर से इस चेतावनी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। पुतिन सरकार के लिए यह चेतावनी एक दोतरफा दबाव बनाकर सामने आ रही है—एक तरफ सैन्य मोर्चे पर यूक्रेन, दूसरी ओर आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका।

क्या ट्रंप का अल्टीमेटम बनेगा शांति की कुंजी या बढ़ेगा तनाव?
अब यह देखना अहम होगा कि रूस ट्रंप के इस सख्त रुख को लेकर क्या कदम उठाता है। 50 दिनों की यह समयसीमा केवल पुतिन के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक भू-राजनीतिक संतुलन के लिए भी निर्णायक साबित हो सकती है।