ट्रंप ने एआई पर राष्ट्रीय नियंत्रण किया लागू, चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा पर जताई चिंता
- Post By Admin on Dec 12 2025
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देशभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को एकीकृत राष्ट्रीय नियमों के तहत लाने के लिए एक महत्वपूर्ण एक्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि 50 राज्यों के अलग–अलग कानून एआई विकास की रफ्तार को धीमा कर सकते हैं, जिससे चीन तकनीकी दौड़ में बढ़त ले सकता है।
ऑर्डर पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका फिलहाल एआई के क्षेत्र में “बहुत आगे” है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह तकनीक एक वैश्विक मुकाबले का केंद्र बिंदु बन चुकी है—“इसमें जीत या तो अमेरिका की होगी या चीन की।”
राष्ट्रीय ढांचे की जरूरत क्यों?
नए आदेश के तहत व्हाइट हाउस चाहता है कि एआई से जुड़े सभी नियम एकीकृत राष्ट्रीय फ्रेमवर्क के तहत आएं। ट्रंप का मानना है कि विभिन्न राज्यों के कड़े और अलग-अलग नियमों से डेटा सेंटर, कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, “अगर कंपनियों को हर राज्य से अलग मंजूरी लेनी पड़ेगी, तो विकास असंभव हो जाएगा।”
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एआई में नेतृत्व सीधे आर्थिक विकास, रोजगार, राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी क्षमता से जुड़ा है, इसलिए इसका नियंत्रण संघीय स्तर पर होना आवश्यक है।
राज्यों में बढ़ते कानूनों पर चिंता
कार्यक्रम में उद्यमी डेविड सैक्स ने बताया कि राज्यों में एआई को लेकर 1,000 से अधिक प्रस्तावित कानून आए हैं, जिनमें 100 से ज्यादा पास भी हो चुके हैं। सबसे सख्त नियम कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और इलिनॉय में बनाए गए हैं।
सैक्स के अनुसार, संघीय सरकार संसद के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करेगी, ताकि अत्यधिक सख्त राज्य कानूनों पर रोक लगाई जा सके। हालांकि बच्चों की सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में जरूरी प्रावधान जारी रहेंगे।
चीन और एआई रिस्क—दोनों पर फोकस
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह एआई के संभावित जोखिमों को लेकर अधिक चिंतित हैं या चीन को लेकर, उन्होंने कहा—“दोनों को लेकर।”
उन्होंने यह भी कहा कि एआई की वजह से दवा और चिकित्सा अनुसंधान में तेज प्रगति हो रही है और तकनीक उम्मीद से कहीं ज्यादा आगे निकल चुकी है।
ऑर्डर का उद्देश्य
नया कार्यकारी आदेश संघीय एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने निर्देश देता है कि एआई से संबंधित सभी गतिविधियां एक ही राष्ट्रीय ढांचे के भीतर सुचारू रूप से चलें और राज्य-स्तरीय विरोधाभासी नियम तकनीकी विकास में बाधा न बनें।