सीरिया में बशर अल असद के बाद पहला बड़ा त्योहार क्रिसमस, अल्पसंख्यकों में उत्साह संग डर का माहौल

  • Post By Admin on Dec 25 2024
सीरिया में बशर अल असद के बाद पहला बड़ा त्योहार क्रिसमस, अल्पसंख्यकों में उत्साह संग डर का माहौल

सीरिया में बशर अल-असद के शासन के समाप्ति के बाद इस साल क्रिसमस का त्योहार विशेष रूप से महत्व रखता है। यह पहला मौका है जब देश में एक नई सरकार के गठन की प्रक्रिया के बीच क्रिसमस मनाया जा रहा है। जहां एक तरफ ईसाई समुदाय में उत्साह देखा जा रहा है। वहीं इस्लामी चरमपंथियों और विद्रोही गुटों के शासन के चलते भय का माहौल भी बना हुआ है।

एक महिला ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले उन्हें यह डर था कि बशर अल-असद से सत्ता छिनने और विद्रोही इस्लामी गुटों के शासन के बाद, ईसाई समुदाय के लिए क्रिसमस मनाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, दमिश्क के ऐतिहासिक केंद्र में एक चर्च में बीते मंगलवार को बिना किसी रोकटोक के जुटी भीड़ ने उनके इस डर को कुछ कम किया। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल भी आसान नहीं था कि इतने लोग एक साथ आएं लेकिन इस दृश्य ने हमें राहत दी।”

ईसाई समुदाय का डर और विद्रोहियों का घोषणा पत्र

हालांकि, सीरिया के ईसाई समुदाय के बीच अभी भी इस्लामी चरमपंथियों के शासन को लेकर डर है। कुछ लाख की संख्या में रहने वाले सीरियाई ईसाई समुदाय का मानना है कि नए नेतृत्व द्वारा किए गए वादों पर बहुत कम काम किया गया है। हाल में, सीरिया के मध्य हिस्से में एक क्रिसमस ट्री को जलाने की घटना ने ईसाई समुदाय को और भी चिंतित किया। इस घटना में कुछ लड़ाकों ने सुकायलाबिया क्षेत्र में क्रिसमस ट्री को आग लगाई थी। जिनमें से कुछ को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। एचटीएस (हयात तहरीर अल-शाम) के स्थानीय धार्मिक नेता ने इस घटना की निंदा की है।

क्रिसमस के माहौल में सजावट और उत्सव

दमिश्क के समीप बाब ईसाई बहुलता वाले तोउमा शहर में क्रिसमस के प्रतीक के रूप में क्रिसमस ट्री लगाए गए और दुकानों में सजावट भी की गई। हालांकि, यहां के निवासी इस बात से चिंतित हैं कि हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। एक कैफे के मालिक ने बताया कि पिछले साल क्रिसमस पर उनकी दुकान सुबह 3 बजे तक खुली रहती थी लेकिन इस बार वे 11 बजे रात को ही बंद कर देंगे। उनके अनुसार, नए शासन के बारे में कम जानकारी और उससे जुड़े डर की वजह से उनकी बिक्री में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है।

समारोहों में मिश्रित प्रतिक्रिया

दमिश्क में एक रेस्तरां ने इस माहौल के बीच क्रिसमस पार्टी का आयोजन किया। जिसमें ईसाई और मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोग शामिल हुए। हालांकि, समारोह में लोग उत्सव का आनंद लेते हुए भी लगातार डर की भावना महसूस कर रहे थे। एक निवासी ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि अब सीरिया में कोई भी नागरिक अपने देश को छोड़ने के लिए मजबूर न हो, जैसा कि 2011 से पहले हुआ था।”

आखिरकार क्या है स्थिति?

सीरिया में गृहयुद्ध की निगरानी करने वाले सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, देश में अभी भी सुरक्षा स्थिति नाजुक बनी हुई है। हालांकि, अहमद अल-शरा की तरफ से किए गए वादे के बावजूद, विद्रोहियों और अस्थिर शासन के चलते भय का माहौल कायम है। ईसाई समुदाय के लिए यह समय मिश्रित भावनाओं से भरा हुआ है। जहां उत्सव और डर दोनों का अनुभव हो रहा है।