नेपाल में टेलीग्राम ऐप पर प्रतिबंध, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर धोखाधड़ी के आरोप में कार्यवाही

  • Post By Admin on Jul 19 2025
नेपाल में टेलीग्राम ऐप पर प्रतिबंध, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर धोखाधड़ी के आरोप में कार्यवाही

काठमांडू/नई दिल्ली : नेपाल सरकार ने साइबर सुरक्षा और वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम कसने के उद्देश्य से टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर पूरे देश में बैन लगाने का बड़ा फैसला लिया है। नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (NTA) ने शुक्रवार को देश के सभी टेलीकॉम और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को तत्काल प्रभाव से टेलीग्राम की सेवाएं ब्लॉक करने का आदेश जारी किया।

साइबर ब्यूरो की चेतावनी के बाद एक्शन में आया प्रशासन
एनटीए ने यह कार्रवाई नेपाल पुलिस के साइबर ब्यूरो द्वारा महीनों से दी जा रही चेतावनियों के बाद की है। साइबर ब्यूरो ने टेलीग्राम को फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का प्रमुख जरिया बताया था, जहां ऐप का इस्तेमाल फर्जी नौकरी देने, क्रिप्टो घोटालों और धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों में किया जा रहा था।

कानून एजेंसियों से सहयोग न करना पड़ा भारी
टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगाने का एक बड़ा कारण यह भी बताया गया कि ऐप कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा था। एनटीए ने बताया कि ऐप के स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क की कोशिशें भी नाकाम रहीं, जिससे सरकार के पास प्रतिबंध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मांगा था त्वरित एक्शन
टेलीग्राम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की पुष्टि के बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को औपचारिक पत्र भेजकर ऐप पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद मंत्रालय ने एनटीए को निर्देश दिया, जिसने शुक्रवार को सभी सेवा प्रदाताओं को ऐप ब्लॉक करने का आदेश दे दिया।

पहले भी आलोचनाओं में रहा है टेलीग्राम
टेलीग्राम को लंबे समय से यूजर डेटा की सुरक्षा में लापरवाही और गोपनीयता के नाम पर जांच एजेंसियों से सहयोग न करने को लेकर वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता रहा है। चीन जैसे देश पहले ही इसी कारण टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।

सह-संस्थापक की गिरफ्तारी से और बढ़ा विवाद
टेलीग्राम को लेकर विवाद तब और गहरा गया, जब अगस्त 2024 में इसके सह-संस्थापक पावेल डुरोव को फ्रांस में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद से कई देशों की सुरक्षा एजेंसियां इस प्लेटफॉर्म पर नजर बनाए हुए हैं।

नेपाल का यह फैसला केवल एक ऐप को ब्लॉक करने का नहीं, बल्कि डिजिटल सुरक्षा, साइबर अपराध नियंत्रण और वित्तीय पारदर्शिता की दिशा में एक कड़ा संदेश है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य देश, खासकर पड़ोसी भारत, इस कदम से क्या सबक लेते हैं और क्या टेलीग्राम जैसी ऐप्स पर भी निगरानी और नियंत्रण की नीति अपनाते हैं।