समुद्री सीमाओं के संरक्षकों को प्रधानमंत्री की शुभकामनाएँ, नौसेना की बढ़ती शक्ति पर जताया गर्व

  • Post By Admin on Dec 04 2025
समुद्री सीमाओं के संरक्षकों को प्रधानमंत्री की शुभकामनाएँ, नौसेना की बढ़ती शक्ति पर जताया गर्व

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में जुटे नौसैनिकों को शुभकामनाएं देते हुए उनकी वीरता, आत्मनिर्भरता और तेजी से बढ़ती क्षमताओं की सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि भारतीय नौसेना “असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का दूसरा नाम” है, जो समंदर में देश की सुरक्षा और रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में नौसेना ने आत्मनिर्भरता और आधुनिकीकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत किया है।

पीएम मोदी ने इस साल की दीपावली को याद करते हुए कहा कि आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के साथ मनाया गया त्योहार उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने नौसेना को भविष्य के अभियानों के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना की भूमिका को देश की समुद्री सीमाओं, ऑफशोर संसाधनों और आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि चाहे पेट्रोल वेसल हों, पनडुब्बियां या विमानवाहक पोत, नौसेना की बढ़ती शक्ति भारत की समुद्री रणनीतिक क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की परंपरा हमेशा से शक्ति का उपयोग मानवता के कल्याण में करने की रही है, और आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्था समुद्री व्यापार मार्गों पर निर्भर है, भारतीय नौसेना विश्व स्थिरता की एक प्रमुख सहायक शक्ति बनकर उभर रही है।

इसी बीच, नौसेना दिवस समारोह के तहत केरल के तिरुवनंतपुरम तट पर भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत का भव्य प्रदर्शन किया। शंगुमुघम बीच से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस ऑपरेशनल शोकेस को देखा, जिसमें आईएनएस विक्रांत, फ्रंटलाइन फ्रिगेट उदयगिरि समेत 19 बड़े युद्धपोत, एक सबमरीन, चार फास्ट इंटरवेंशन वेसल और 32 एयरक्राफ्ट शामिल रहे। इस प्रदर्शन ने मल्टी-डोमेन युद्ध क्षमता और व्यापक ऑपरेशनल तैयारी का स्पष्ट संदेश दिया।

हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस 1971 के युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट की ऐतिहासिक सफलता की याद में मनाया जाता है, जब भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर साहसिक हमला कर पीएनएस खैबर सहित चार पाकिस्तानी जहाजों को ध्वस्त किया था। यह मिशन भारतीय सैन्य इतिहास की सबसे निर्णायक नौसैनिक जीतों में से एक माना जाता है।