रूस ने ताइवान को बताया चीन का अटूट हिस्सा, ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध
- Post By Admin on Dec 31 2025
मॉस्को : रूस ने ताइवान को चीन का अविभाज्य हिस्सा बताते हुए एक बार फिर ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के किसी भी स्वरूप का खुला विरोध किया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ताइवान से जुड़ा मामला पूरी तरह चीन का आंतरिक विषय है और इस पर उसका रुख लंबे समय से सैद्धांतिक और अपरिवर्तित रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रूसी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि कुछ देश ‘एक-चीन सिद्धांत’ का समर्थन करने का दावा करते हुए यथास्थिति बनाए रखने की बात कर रहे हैं, जबकि यह चीन के राष्ट्रीय एकीकरण के मूल सिद्धांत के विपरीत है। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ताइवान मुद्दे का इस्तेमाल कुछ देशों द्वारा चीन के खिलाफ सैन्य और रणनीतिक दबाव बनाने के साधन के रूप में किया जा रहा है।
बयान में यह भी कहा गया कि ताइवान पर रूस की स्थिति उच्चतम स्तर पर कई बार स्पष्ट की जा चुकी है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। रूस ने जोर देते हुए कहा कि चीन को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।
इस बीच, ताइवान को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते तनाव के संकेत भी सामने आ रहे हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग की ओर से कांग्रेस को सौंपी गई एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ताइवान को लेकर अपनी सैन्य क्षमताओं का लगातार विस्तार कर रहा है और 2027 तक युद्ध के लिए तैयार होने का लक्ष्य रखता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने तय सैन्य लक्ष्यों की दिशा में निरंतर प्रगति कर रही है, जिनमें ताइवान पर रणनीतिक बढ़त हासिल करना भी शामिल है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि चीन अपनी सैन्य रणनीति को अमेरिका की योजनाओं के अनुरूप ढाल रहा है और वाशिंगटन को एक ऐसे शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखता है, जिससे निपटने की क्षमता उसके लिए आवश्यक है।
अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग की ताइवान नीति अब केवल स्वतंत्रता को रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह ताइपे पर सैन्य, कूटनीतिक, आर्थिक और सूचना अभियानों के जरिए दबाव बनाकर अपनी शर्तों पर एकीकरण को आगे बढ़ाने की रणनीति अपना रहा है। इन सभी उपायों का उद्देश्य ताइवान की प्रतिरोध क्षमता को कमजोर करना बताया गया है।