संयुक्त राष्ट्र में भारत ने समुद्री आतंकवाद पर जताई गंभीर चिंता, गुटेरेस बोले - कोई देश नहीं है अछूता

  • Post By Admin on May 21 2025
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने समुद्री आतंकवाद पर जताई गंभीर चिंता, गुटेरेस बोले - कोई देश नहीं है अछूता

संयुक्त राष्ट्र : समुद्री आतंकवाद, डकैती और तस्करी जैसे खतरों को लेकर भारत और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस के दौरान गहरी चिंता जताई। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि समुद्री सुरक्षा, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों से जुड़ा हुआ मुद्दा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की समुद्री रणनीति बहुआयामी है, जो पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों जैसे आतंकवाद, समुद्री डकैती, मानव और मादक पदार्थों की तस्करी तथा अवैध मछली पकड़ने से निपटने के लिए तैयार है।

इस अहम बहस में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी आगाह किया कि अब कोई भी देश समुद्री क्षेत्र में हो रहे आतंकवाद, संगठित अपराध, सशस्त्र डकैती और तस्करी जैसे खतरों से सुरक्षित नहीं है। उन्होंने चेताया कि "यह समस्या दिन-ब-दिन और विकराल होती जा रही है।"

इस सत्र की अध्यक्षता ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने की, जिन्होंने भी समुद्री खतरों को वैश्विक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया।

पी. हरीश ने कहा कि भारत की समुद्री सुरक्षा रणनीति मजबूत निगरानी, प्रभावी समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं पर आधारित है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "सागर" (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) नीति का उल्लेख किया, जो समावेशी समुद्री सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

हरीश ने बताया कि भारतीय नौसेना ने पश्चिमी अरब सागर में हाल के समय में 35 से अधिक जहाजों की तैनाती की, 30 से ज्यादा खतरनाक घटनाओं का जवाब दिया और 1,000 से अधिक बोर्डिंग ऑपरेशनों के जरिये सैकड़ों नाविकों और अरबों रुपये के व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान की। इनमें 312 वाणिज्यिक जहाज और 11.9 मिलियन टन माल शामिल था, जिसकी अनुमानित कीमत 5.3 अरब डॉलर से अधिक है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय नौसेना हूती विद्रोहियों के हमलों से बचाव, लाल सागर क्षेत्र में जहाजों की सुरक्षा और संकटग्रस्त समुद्री क्षेत्रों से चालक दल को सुरक्षित निकालने में भी सक्रिय रही है। इसके साथ ही भारत ने टाइफून 'यागी' से प्रभावित म्यांमार, लाओस और वियतनाम में राहत अभियान भी चलाए।

हरीश ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय साझेदारों के साथ समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ा रहा है। हाल ही में भारत ने दस अफ्रीकी देशों के साथ "ऐक्यम्" नामक समुद्री अभ्यास में भाग लिया। यह शब्द संस्कृत में एकता का प्रतीक है और अफ्रीका-भारत समुद्री जुड़ाव का संक्षिप्त रूप भी है। इस छह दिवसीय अभ्यास की मेजबानी तंजानिया ने की थी, जिसमें जिबूती से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक नौ अफ्रीकी देशों ने भाग लिया।

भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि वैश्विक समुद्री सुरक्षा केवल साझेदारी, सामूहिक जिम्मेदारी और समन्वित रणनीति के जरिये ही सुनिश्चित की जा सकती है।