पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारी बारिश का कहर, अब तक 166 लोगों की मौत 

  • Post By Admin on Aug 10 2025
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारी बारिश का कहर, अब तक 166 लोगों की मौत 

लाहौर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मानसूनी बारिश ने तबाही मचा दी है। शनिवार तक बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 166 हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सियालकोट और झेलम में दो और लोगों की मौत के बाद यह संख्या बढ़ी है। प्रांत के कई शहरों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और स्थिति गंभीर बनी हुई है।

पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अनुसार, सियालकोट में सबसे अधिक 78 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि लाहौर में 43.4 मिमी और गुजरांवाला में 36.8 मिमी बारिश हुई। अन्य शहरों में चकवाल (23 मिमी), अटक (13.6 मिमी), मंगला (12.2 मिमी), गुजरात (10.6 मिमी), नारोवाल (5 मिमी), रावलकोट (4 मिमी), इस्लामाबाद एयरपोर्ट (3.9 मिमी) और मंडी बहाउद्दीन (0.5 मिमी) में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पंजाब के उत्तर-पूर्वी इलाकों, पोटोहर क्षेत्र, इस्लामाबाद, ऊपरी खैबर पख्तूनख्वा और कश्मीर में अगले 24 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-तूफान की संभावना है।

प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक 82 लोग घायल हुए हैं, 121 पशुधन मारे गए हैं और 216 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। लाहौर में शनिवार दोपहर 1:30 बजे से 4:30 बजे तक हुई भारी बारिश ने शहर के कई हिस्सों को पानी में डुबो दिया। वाटर एंड सैनिटेशन एजेंसी (डब्ल्यूएएसए) के अनुसार, पानी वाला तालाब (86 मिमी), फर्रुखाबाद (85 मिमी), लक्ष्मी चौक (83 मिमी) और निश्तार टाउन (81 मिमी) सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। गुलबर्ग, चौक नखुदा, इकबाल टाउन, जोहर टाउन और समानाबाद में भी जलजमाव की स्थिति रही।

बारिश के चलते लाहौर में 120 से अधिक बिजली फीडर ट्रिप हो गए, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। मॉडल टाउन, कोट लखपत, टाउनशिप, ग्रीन टाउन, फैक्ट्री एरिया, मुस्लिम टाउन और गार्डन टाउन समेत कई इलाकों में सड़कें तालाब में बदल गईं। निश्तार पार्क स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बाढ़ जैसे हालात के कारण ‘इंडिपेंडेंस फैमिली फन रेस’ कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

पीडीएमए ने तरबेला और मंगला बांध में जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर चेतावनी जारी की है। तरबेला बांध 96% क्षमता पर 1,546 फीट के जल स्तर तक पहुंच गया है, जबकि मंगला बांध 63% भरा है और इसका जल स्तर 1,205.25 फीट है। सिंधु नदी पर चश्मा बैराज में निम्न स्तर की बाढ़ दर्ज की गई है, हालांकि अन्य बैराज जैसे तरबेला, कालाबाग, तौनसा, गुड्डू, सक्खर और कोटरी में जल प्रवाह सामान्य है।

रावी नदी के बसंतर नाले में मामूली बाढ़ दर्ज की गई है, लेकिन मुख्य धारा अभी अप्रभावित है। कोह-ए-सुलेमान रेंज और डेरा गाजी खान डिवीजन के पहाड़ी नालों में बाढ़ का कोई तत्काल खतरा नहीं है। अधिकारियों ने नदियों, नहरों और जलधाराओं के किनारे तैराकी और स्नान पर पूरी तरह रोक लगाने के साथ धारा 144 लागू कर दी है।

पीडीएमए के महानिदेशक ने जनता से अपील की है कि वे सावधानी बरतें, विशेष रूप से निचले इलाकों के निवासी सतर्क रहें और आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, राहत सामग्री का भंडारण किया जा रहा है और संवेदनशील इलाकों में जल निकासी की व्यवस्था तेज की गई है।