ग्रीनलैंड मामले पर अमेरिका को लेकर डेनमार्क की पीएम सख्त, कहा- हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं

  • Post By Admin on Aug 28 2025
ग्रीनलैंड मामले पर अमेरिका को लेकर डेनमार्क की पीएम सख्त, कहा- हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं

ओस्लो : डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने अमेरिका को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि ग्रीनलैंड और डेनमार्क के आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह बयान उन रिपोर्टों के बाद दिया, जिनमें दावा किया गया है कि व्हाइट हाउस से जुड़े अमेरिकी नागरिक ग्रीनलैंड में गुप्त गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं।

स्थानीय प्रसारक 'डीआर' की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े तीन अमेरिकी नागरिक ग्रीनलैंड में निजी नेटवर्क बनाने और अमेरिकी हितों के अनुरूप स्थानीय नेताओं की सूची तैयार करने जैसे कार्यों में सक्रिय रहे हैं।

फ्रेडरिक्सन ने मीडिया से कहा, “ग्रीनलैंड के मुद्दे पर हमारी स्थिति बेहद स्पष्ट है। डेनमार्क साम्राज्य के आंतरिक मामलों और ग्रीनलैंडिक लोकतंत्र में हस्तक्षेप किसी भी रूप में अस्वीकार्य है। हमारी सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन ने अब तक इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया है। “अमेरिका की चुप्पी चिंता का विषय है। यह बेहद गंभीर मामला है,” उन्होंने जोड़ा।

डेनमार्क की विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने इस मुद्दे पर अमेरिकी राजदूत को तलब कर जवाब मांगा। वहीं, पीएम फ्रेडरिक्सन ने ग्रीनलैंड की विदेश मंत्री विवियन मोट्जफेल्ड के साथ अमेरिकी सीनेटरों से हुई बैठक में यह मुद्दा सीधे उठाया और कहा कि कोपेनहेगन इस मामले को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।

डेनमार्क की सुरक्षा और खुफिया एजेंसी के अनुसार, हाल के वर्षों में ग्रीनलैंड, कोपेनहेगन और नुउक के बीच तनाव पैदा करने वाले “प्रभाव अभियानों” में वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि ग्रीनलैंड, जो पहले डेनमार्क का उपनिवेश था, 1953 में डेनमार्क साम्राज्य का हिस्सा बना। 1979 में इसे स्वशासन दिया गया, हालांकि विदेश नीति और रक्षा से जुड़े मामलों पर अभी भी डेनमार्क का नियंत्रण है।