रक्षा, एआई और उभरती तकनीकें भारत-अमेरिका साझेदारी को देंगी नई गति : विशेषज्ञ

  • Post By Admin on Dec 23 2025
रक्षा, एआई और उभरती तकनीकें भारत-अमेरिका साझेदारी को देंगी नई गति : विशेषज्ञ

वॉशिंगटन : वैश्विक चुनौतियों और कुछ राजनीतिक-व्यापारिक मतभेदों के बावजूद भारत और अमेरिका के रिश्ते रणनीतिक क्षेत्रों में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक वरिष्ठ भारत-अमेरिका नीति विशेषज्ञ ने कहा है कि रक्षा सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उभरती हुई तकनीकें द्विपक्षीय संबंधों के अगले चरण को आकार देंगी और आने वाले वर्षों में साझेदारी को नई दिशा देंगी।

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन अमेरिका के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ध्रुव जयशंकर ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उच्च-स्तरीय राजनीतिक संपर्कों में कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद रक्षा, तकनीक और ऊर्जा जैसे व्यावहारिक क्षेत्रों में सहयोग लगातार आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यही निरंतरता 2026 तक भारत-अमेरिका संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाए रखने का आधार बनेगी।

जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच नियमित संवाद बना रहा है और कैबिनेट-स्तर के संपर्क भी फिर से सक्रिय हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि दोनों देश रणनीतिक संवाद को प्राथमिकता दे रहे हैं।

उन्होंने रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में हुए लाभकारी समझौतों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों के दौर में भी व्यावहारिक सहयोग जारी रहना भारत-अमेरिका संबंधों की परिपक्वता को दिखाता है। उनके अनुसार, रक्षा साझेदारी द्विपक्षीय रिश्तों का सबसे मजबूत स्तंभ बनी हुई है, जहां सैन्य-से-सैन्य संपर्क, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और रक्षा बिक्री लगातार बढ़ी है।

जयशंकर ने कहा कि अब ध्यान पारंपरिक रक्षा बिक्री से आगे बढ़कर संयुक्त सह-उत्पादन और अत्याधुनिक क्षमताओं के विकास पर है। स्वायत्त अंडरवॉटर सिस्टम और काउंटर-ड्रोन जैसी उन्नत तकनीकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत की परिचालन जरूरतें और अमेरिका की तकनीकी बढ़त गहरे सहयोग की संभावनाएं पैदा करती हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह का सहयोग सरकार-से-सरकार ढांचे के साथ-साथ निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करेगा, जिससे दोनों देशों के उद्योगों के बीच सीधा जुड़ाव बढ़ेगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भारत-अमेरिका साझेदारी का उभरता हुआ प्रमुख क्षेत्र बताते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत का फोकस एआई के ऐसे उपयोगों पर है, जो आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएं और व्यावहारिक लाभ दें। वहीं, अमेरिका अत्याधुनिक एआई विकास में वैश्विक नेतृत्व बनाए रखने पर जोर दे रहा है।

उन्होंने कहा कि जहां दोनों देशों के हित मिलते हैं, वहां सहयोग तेजी से आगे बढ़ रहा है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई जैसी प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियों द्वारा भारत में बढ़ता निवेश भारत के डिजिटल इकोसिस्टम और टैलेंट की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है।

जयशंकर ने ऊर्जा क्षेत्र को भी द्विपक्षीय संबंधों की एक अहम कड़ी बताते हुए कहा कि राजनीतिक स्तर पर सुस्ती के बावजूद इस क्षेत्र में सहयोग ने ठोस नतीजे दिए हैं। उनके अनुसार, रक्षा, एआई और ऊर्जा जैसे क्षेत्र भारत-अमेरिका संबंधों को आने वाले दौर में नई मजबूती और रणनीतिक गहराई देंगे।