बलूच आतंकवादी नहीं, पाक प्रायोजित आतंकवाद के पीड़ित : मीर यार बलूच
- Post By Admin on Aug 12 2025

क्वेटा : अमेरिका द्वारा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसके अग्रणी संगठन ‘द मजीद ब्रिगेड’ को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) सूची में शामिल करने के फैसले की आलोचना करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने कहा कि बलूच लोग आतंकवादी नहीं, बल्कि पाक प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हैं।
मीर यार बलूच ने आरोप लगाया कि बीते 78 वर्षों से बलूचिस्तान पाक प्रायोजित आतंकवाद, आर्थिक शोषण, परमाणु परीक्षणों से फैली रेडियोधर्मी विषाक्तता, विदेशी हस्तक्षेप और चरमपंथी पाकिस्तान के “क्रूर कब्जे” का सामना कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि आईएस-खुरासान (आईएस-के) जैसे आतंकी संगठन, जिसे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) समर्थन देती है, बलूच राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का काम कर रहे हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि पाकिस्तान, वैध राजनीतिक आवाजों को दबाने और लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को कुचलने के लिए कट्टरपंथी समूहों को हथियार बनाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 9/11 के बाद भी बलूच स्वतंत्रता सेनानियों या नागरिकों ने अमेरिकी सैनिकों और नाटो काफिलों पर एक भी हमला नहीं किया, जबकि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने अमेरिका विरोधी रैलियां आयोजित कीं और आतंकवादियों को पनाह दी।
मीर ने पाकिस्तान को “सैन्य वर्दी में दुष्ट देश” बताते हुए कहा कि उसका इतिहास वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा रहा है। उन्होंने अमेरिका से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता देने की अपील की, जिससे एक उदार, स्थिर और लोकतांत्रिक सहयोगी मिल सकेगा।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, बलूचिस्तान में लोगों को अपहरण, न्यायेतर हत्याओं और दमन का सामना करना पड़ रहा है। कई बलूच नेता बिना अपराध सिद्ध हुए जेलों में बंद हैं, जहां उन्हें जमानत से वंचित किया जाता है और परिजनों व वकीलों से मिलने तक नहीं दिया जाता।