विश्व प्रसिद्ध केसरिया बौद्ध स्तूप की हो रही उपेक्षा, उद्घाटन के बाद से धूल फांक रही प्रतिमा
- Post By Admin on Aug 20 2024

पूर्वी चंपारण (मधुरेश प्रियदर्शी) : देश-विदेश के पैमाने पर पूर्वी चंपारण जिले का केसरिया दुनिया के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप के लिए प्रसिद्ध है. भगवान बुद्ध की याद में बनाए गये केसरिया बौद्ध स्तूप को देखने के लिए प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक यहां आते हैं. लेकिन हैरत की बात तो यह है कि बौद्ध स्तूप के लिए दुनिया भर में सुप्रसिद्ध केसरिया की पावन धरती पर ही भगवान बुद्ध की उपेक्षा हो रही है. केसरिया प्रखंड कार्यालय परिसर में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना मद से भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा लगाई गई है. अधूरे निर्माण के कारण भगवान बुद्ध की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे धूल फांकने को विवश है. बुद्ध के विचारों पर लंबा-चौड़ा भाषण देने वालों को इस अधूरे निर्माण की तनिक भी चिंता नहीं है.
12 मार्च को सांसद राधामोहन सिंह ने किया था लोकार्पण
विगत लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले पूर्वी चंपारण के सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह के द्वारा अधूरे निर्माण के बीच आनन-फानन में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का लोकार्पण 12 मार्च 2024 को किया गया था. उद्घाटन के कार्यक्रम में भाजपा नेताओं का जुटान हुआ था और खूब भाषणबाजी भी हुई थी. भगवान बुद्ध के सिद्धांतों को जीवन में उतारने का संकल्प भी नेताओं ने उस वक्त लिया था. मगर अफसोस, उद्घाटन के बाद नेताओं खासकर सांसद राधामोहन सिंह को यह याद ही नहीं रहा कि केसरिया में भगवान बुद्ध के प्रतिमा निर्माण स्थल का काम अधूरा है.जानकार बताते हैं कि चूकी उस समय लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लगने वाला था,इसलिए सांसद श्री सिंह के द्वारा आनन-फानन में अधूरे निर्माण के बीच भगवान बुद्ध की प्रतिमा का लोकार्पण कर दिया गया. लोकार्पण के छह माह बीत जाने के बाद भी कार्यकारी एजेंसी को इस अधूरे कार्य को पूरा करने की कोई चिंता नहीं है.
क्या कहते हैं केसरिया के बीडीओ
भगवान बुद्ध के प्रतिमा निर्माण स्थल के अधूरे कार्य के संदर्भ में पुछे जाने पर केसरिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि भगवान बुद्ध की प्रतिमा का निर्माण सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत हुआ है.इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने बताया कि प्रतिमा निर्माण के स्थल को लेकर प्रखंड कार्यालय की ओर से अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिया गया है.