भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना नई शिक्षा नीति का उद्देश्य : रामलाल सिंह
- Post By Admin on Dec 18 2024

मुजफ्फरपुर : भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सदातपुर में महाविद्यालय समिति और विद्यालय समिति की संयुक्त बैठक का आयोजन बीते मंगलवार को हुआ। जिसमें सभी शैक्षिक और विकास कार्यों की समीक्षा की गई और आगामी योजनाओं पर निर्णय लिया गया। बैठक में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर परिचर्चा भी आयोजित की गई। जिसमें लोक शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव रामलाल सिंह ने नई शिक्षा नीति के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।
रामलाल सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा कि नई शिक्षा नीति का प्रमुख लक्ष्य भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। उन्होंने बताया कि यह नीति भारत में पूरी तरह से लागू हो चुकी है और इसे सफल बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। साथ ही शिक्षा को अधिक समग्र और व्यापक बनाना है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा पद्धति भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित है और इसके माध्यम से भारत जल्द ही वैश्विक पहचान बनाने में सफल होगा।
कॉलेज के सचिव डॉ. ललित किशोर ने कहा कि नैक ग्रेडिंग की महत्ता बढ़ गई है और नई शिक्षा नीति के तहत इसे विशेष महत्व दिया जा रहा है। डॉ. किशोर ने कहा कि कॉलेज नैक की तैयारी में पूरी तन्मयता से जुटा हुआ है। उन्होंने शैक्षणिक माहौल में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
शिशु विद्या मंदिर विद्यालय के अध्यक्ष जयराम सिंह ने शैक्षणिक दृष्टिकोण से आधुनिक मापदंडों के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षण कौशल को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि छात्र अधिक प्रभावी तरीके से शिक्षा ग्रहण कर सकें।
विद्या भारती के प्रदेश मंत्री डॉ. सुबोध कुमार ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति को केंद्र में रखकर छात्रों को शिक्षा देने की आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय ज्ञान आधारित शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि हमारा कॉलेज और विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में एक रोल मॉडल बने, ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रभारी प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार वर्मा और अजय कुमार ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ललित किशोर ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार बैठा, मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर कुमार, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश कुमार गुप्ता, प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी संबोधित किया।
यह कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन और शैक्षिक क्षेत्र में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने और वैश्विक पहचान की दिशा में यह महाविद्यालय और विद्यालय के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम है।