बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्मारिका का विमोचन, संगोष्ठी में देशभर के रिसोर्स पर्सन हुए सम्मिलन
- Post By Admin on Dec 13 2024

मुजफ्फरपुर : नई दिल्ली के भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् द्वारा प्रायोजित “योग: सिद्धांत और चिकित्सा” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में किया गया। इस संगोष्ठी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने किया।
उद्घाटन सत्र में उन्होंने गीता की प्रसिद्ध उक्ति “कर्मों में कुशलता ही योग है” का उल्लेख करते हुए कार्य क्षेत्र में योग के महत्व पर बल दिया और विद्यार्थियों को इसे अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता समझाई।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. लक्ष्मी निवास पाण्डेय ने भारतीय ज्ञान परंपरा और योग के अभिन्न संबंधों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के ओ.एस.डी/कुलसचिव डॉ. सच्चिदानंद सिंह ने बिहार के योग से गहरे संबंध को रेखांकित किया और कहा कि बिहार योग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
बीज वक्तव्य में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र एवं धर्म विभाग के अवकाश प्राप्त आचार्य और अध्यक्ष प्रो. अरविंद कुमार राय ने सांख्य दर्शन के संदर्भ में दुःख और उसके निदान की बात की। उन्होंने बताया कि योग दर्शन के अनुसार चित्त वृत्तियों का निरोध ही दुःख का निवारण है और समस्त मानवता इसी उद्देश्य की ओर प्रयत्नशील है।
संगोष्ठी के दौरान विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया गया। स्मारिका के संपादक प्रो. सरोज कुमार वर्मा ने इसके प्रकाशन के उद्देश्य और महत्व पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्षा प्रो. लक्ष्मी कुमारी साह ने आगंतुकों का स्वागत किया। जबकि आयोजन सचिव प्रो. राजेश्वर सिंह ने संगोष्ठी के आयोजन की जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. राजीव कुमार ने किया और मंच संचालन की जिम्मेदारी प्रो. राजेश्वर सिंह, डॉ. रेणु बाला तथा डॉ. पयोली ने निभाई।
उद्घाटन सत्र के बाद दो अकादमिक सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र की अध्यक्षता प्रो. ए. के. राय ने की और संयोजक डॉ. संजय कुमार थे। इस सत्र में डॉ. रमण सिंह और डॉ. भारत भूषण ने अपने विचार रखे। दूसरे अकादमिक सत्र की अध्यक्षता प्रो. लक्ष्मी कुमारी साह ने की। जबकि संयोजक प्रो. सरोज कुमार वर्मा थे। इस सत्र में प्रो. अवतारलाल मीणा, प्रो. किस्मत कुमार सिंह और डॉ. वरुण कुमार त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के कई रिसोर्स पर्सन ने अपने विचार साझा किए। जोधपुर से प्रो. अवतारलाल मीणा, वर्धा से प्रो. जयंत उपाध्याय, जम्मू कश्मीर से मनोदैहिक चिकित्सक डॉ. भारत भूषण गुप्ता, आरा से प्रो. किस्मत कुमार, मधेपुरा से प्रो. सुधांशु शेखर समेत अन्य प्रतिष्ठित विद्वान और विशेषज्ञ इस आयोजन में शामिल हुए।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
संगोष्ठी के समापन के बाद संध्या में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें आकांक्षा कुमारी, अंजली कुमारी, रत्ना कुमारी, समीक्षा कुमारी, और अन्य विद्यार्थियों ने भाग लिया और योग और भारतीय संस्कृति से जुड़े विभिन्न गीतों और नृत्य प्रस्तुत किए।