महिलाएं अपनी काबिलियत से समाज में बना रही हैं पहचान : मेयर निर्मला साहू

  • Post By Admin on Jul 10 2024
महिलाएं अपनी काबिलियत से समाज में बना रही हैं पहचान : मेयर निर्मला साहू

मुजफ्फरपुर : आरडीएस कॉलेज के आइक्यूएसी और एकेडमिक काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में "महिला सशक्तिकरण: एक नया विमर्श" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता मेयर निर्मला साहू ने कहा कि सशक्त महिला और सशक्त समाज देश के विकास में एक-दूसरे के पूरक हैं। महिला सशक्तिकरण का मतलब है महिलाओं की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि करना। भारत में महिलाएं राजनीति, पत्रकारिता, कला, संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अपनी भागीदारी दे रही हैं। 21वीं सदी में महिलाएं अपनी काबिलियत के बल पर समाज और देश में अपनी पहचान बना रही हैं।

विशिष्ट वक्ता सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की शुरुआत घर से होनी चाहिए। घर में महिलाओं के साथ किसी भी तरह की हिंसा न हो, इसका ध्यान रखना आवश्यक है। लड़कियों को उनके अधिकारों के बारे में बताकर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कई एजेंसियां महिला सशक्तिकरण की दिशा में अच्छा काम कर रही हैं। पुलिस की महिला हेल्प डेस्क भी महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अच्छा काम कर रही है।

विशेष अतिथि विभा राय ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। स्त्री और पुरुष को साथ मिलकर आगे बढ़ने की जरूरत है, तभी हमारे समाज और देश का विकास संभव है।

अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने कहा कि भारत का संविधान सभी भारतीय महिलाओं की समानता की गारंटी देता है। महिला सशक्तिकरण की नीति भारत के संविधान में शामिल है, जो वर्ष 1950 में प्रभावी हुआ। अनुच्छेद 14 महिलाओं के लिए समानता का अधिकार सुनिश्चित करता है; अनुच्छेद 15 (1) लैंगिक भेदभाव को प्रतिबंधित करता है; और अनुच्छेद 15 (3) राज्य को महिलाओं के पक्ष में सकारात्मक कदम उठाने का अधिकार देता है।

अन्य वक्ताओं में डॉ. नीलिमा झा, डॉ. अजमत अली, डॉ. रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ. नीरज मिश्रा और डॉ. एम.एन. रिजवी ने महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे।

संगोष्ठी का विषय प्रवेश डॉ. रजनीकांत पांडे ने कराया और मंच संचालन डॉ. मंजरी वर्मा ने किया। आगत अतिथियों का स्वागत डॉ. रमेश प्रसाद गुप्ता ने किया।

संगोष्ठी के समापन के बाद अंतर विभागीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में चयनित दो दर्जन छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. तूलिका सिंह ने बताया कि ड्रामा, फाइन आर्ट, नृत्य, संगीत, क्लासिकल म्यूजिक और अन्य विधाओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।