दिव्यांगजनों को स्वरोजगार और शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु मोटराइज्ड साइकिल वितरण

  • Post By Admin on Jun 12 2024
दिव्यांगजनों को स्वरोजगार और शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु मोटराइज्ड साइकिल वितरण

मुजफ्फरपुर : स्वरोजगार और शिक्षण कार्यों में दिव्यांगजनों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से आज मुसहरी प्रखंड स्थित बुनियाद केंद्र में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन और प्रशिक्षु आईएएस सुश्री आकांक्षा आनंद ने 51 चलंत दिव्यांगजनों को हरी झंडी दिखाकर मोटराइज्ड साइकिल वितरित कीं।

जिलाधिकारी ने इस ट्राई साइकिल वितरण शिविर को संबोधित करते हुए दिव्यांगजनों को सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "दिव्यांगजन हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ना हमारी प्राथमिकता है।" उन्होंने अधिक से अधिक दिव्यांगजनों से इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करने की अपील की।

ज्ञात हो कि आज 193 चयनित योग्य लाभार्थियों में से 51 को मोटराइज्ड साइकिल प्रदान की गई। शेष 142 लाभार्थियों को मोटराइज्ड साइकिल का वितरण सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक द्वारा कैंप मोड में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का चयन जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित एक समिति द्वारा किया गया। इस योजना में उन दिव्यांगजनों को शामिल किया गया है, जिनकी दिव्यांगता 60% या उससे अधिक है, 18 वर्ष से अधिक उम्र है, वार्षिक आय अधिकतम 2 लाख रुपये है, और जो अपने घर से कम से कम 3 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर अपना व्यवसाय कर रहे हैं अथवा अध्ययनरत हैं।

इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली ट्राई साइकिल से दिव्यांगजन शिक्षा और स्वरोजगार में अपनी भागीदारी बढ़ा सकते हैं। अब बच्चे अपनी पढ़ाई और व्यवसाय आदि करने के लिए स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं और अपने जीवन यापन में सुधार ला सकते हैं।

इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी श्री अमित कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा श्री दिलीप कुमार कामत, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सक्षम मुजफ्फरपुर श्री विनोद कुमार सहित अन्य अंचलाधिकारी और बुनियाद केंद्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे वे समाज में अपने लिए एक सम्मानजनक स्थान बना सकें। कार्यक्रम की सफलता ने स्थानीय समुदाय में जागरूकता और समर्थन की भावना को मजबूत किया है।