15 जनवरी को हाईकोर्ट करेगा पीके की याचिका पर सुनवाई
- Post By Admin on Jan 15 2025

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में कथित विषमताओं को लेकर प्रशांत किशोर के आमरण अनशन के बीच उनकी जन सुराज पार्टी ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। प्रशांत किशोर के अधिवक्ता प्रणव कुमार के अनुसार याचिका पर 15 जनवरी को सुनवाई होगी, जिसमें की 13 दिसंबर 2024 को हुई 70वीं बीपीएससी की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में विषमताओं को उजागर किया है। यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ के समक्ष पेश की गई।
अधिवक्ता प्रणव ने कहा, ‘हमने अपनी याचिका में राज्यभर में आयोजित परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर हुई विषमताओं का उल्लेख किया है। खासतौर पर परीक्षा हॉल में लोगों द्वारा मोबाइल फोन ले जाने के मामले को रेखांकित किया गया है, जहां जैमर नहीं थे। कई स्थानों पर परीक्षार्थियों ने एक साथ बैठकर अपने प्रश्नपत्र हल किए।
अधिवक्ता ने दावा किया है कि ऐसी विषमताएं केवल बापू परीक्षा सभागार में ही नहीं, कई अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी देखी गईं। इसलिए हमने परीक्षा को रद्द करने के साथ उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जिनकी इसमें भागीदारिता हो सकती हैं। राज्यभर में 900 से अधिक केंद्रों पर लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।
बापू परीक्षा सभागार में 12,000 अभ्यर्थियों के लिए पुन: परीक्षा आयोजित की गई। उस केंद्र पर 13 दिसंबर को सैकड़ों परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार कर दिया था। बीपीएससी ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि परीक्षा रद्द करवाने के लिए साजिश रची गई। बापू सभागार केंद्र में कुछ अभ्यर्थियों के लिए पुन:परीक्षा कराने के आयोग के फैसले को अन्य अभ्यर्थियों ने ‘समान अवसर’ से वंचित करने का आरोप लगाया।
इस परीक्षा को रद्द करने की अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए प्रशांत किशोर ने दो जनवरी को आमरण अनशन शुरू किया था। सामान्य आहार लेने की सलाह दी गई, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से नकार दिया। जन सुराज पार्टी ने कहा कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बात करके गतिरोध समाप्त करने पर सहमत हो जाते हैं तो अनशन तोड़ने पर विचार कर सकते हैं।