दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटकों से मची अफरा-तफरी, 10 सेकंड तक कांपी धरती

  • Post By Admin on Jul 10 2025
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटकों से मची अफरा-तफरी, 10 सेकंड तक कांपी धरती

नई दिल्ली : गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के लोगों की नींद भूकंप के तेज झटकों ने तोड़ दी। सुबह करीब 9:04 बजे अचानक धरती हिलने लगी, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में दर्ज किया गया, जो जमीन से 10 किलोमीटर उत्तर में स्थित था।

भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, भिवानी और झज्जर सहित कई क्षेत्रों में महसूस किए गए। राजधानी दिल्ली के रोहिणी, द्वारका, साकेत, मयूर विहार और सिविल लाइंस जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में लोग दहशत में घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। भूकंप करीब 10 सेकंड तक महसूस किया गया।

झज्जर में दो बार महसूस किए गए झटके
स्थानीय निवासियों के मुताबिक झज्जर में कुछ ही मिनटों के अंतराल पर दो झटके महसूस किए गए — पहला 9:07 बजे और दूसरा 9:10 बजे, जो अपेक्षाकृत हल्का था। कई लोगों ने दावा किया कि कुछ मकानों में हल्की दरारें भी दिखाई दीं।

स्कूल और दफ्तरों में मचा हड़कंप
गाजियाबाद और नोएडा के कई स्कूलों में बच्चों को आनन-फानन में मैदान में लाया गया। वहीं गुरुग्राम स्थित कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम रोक दिया गया और कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। एक निजी कंपनी की कर्मचारी पूजा मेहरा ने बताया, “जैसे ही दीवारें हिलती महसूस हुईं, सभी को इमारत खाली करने का निर्देश दिया गया और स्टाफ पार्किंग एरिया में पहुंच गया।”

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है, जो निरंतर गति में रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या रगड़ खाती हैं, तो उनमें दबाव बनता है। यही दबाव जब अचानक टूटता है, तो वह ऊर्जा के रूप में बाहर निकलता है, जिससे भूकंप आता है।

विशेषज्ञों ने चेताया कि दिल्ली-एनसीआर जोन-4 में आता है, जिसे उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। यहां कोई बड़ा भूकंप आने की स्थिति में व्यापक तबाही मच सकती है।

बड़ी क्षति से मिली राहत, लेकिन चेतावनी बरकरार
हालांकि राहत की बात यह रही कि गुरुवार सुबह आए भूकंप से किसी तरह की जनहानि या संपत्ति को गंभीर नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर की भूकंप संबंधी तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या हम तैयार हैं बड़े झटकों के लिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस क्षेत्र में 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो भारी तबाही हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार, प्रशासन और आम जनता मिलकर आपदा प्रबंधन और जागरूकता को प्राथमिकता दें, क्योंकि प्रकृति का अगला झटका कब और कितना घातक होगा, यह कोई नहीं जानता।