मुजफ्फरपुर में एचआईवी के 5600 मरीज, एसकेएमसीएच के एआरटी सेंटर से ले रहे दवा
- Post By Admin on Dec 02 2024

मुजफ्फरपुर : जिले में एचआईवी संक्रमण का आंकड़ा चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। वर्तमान में जिले में 5600 मरीज एचआईवी से संक्रमित हैं। जो एसकेएमसीएच के एआरटी (एंटी-रेट्रोवाइरल थेरेपी) सेंटर से दवा ले रहे हैं। इन मरीजों में न केवल मुजफ्फरपुर जिले के बल्कि अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं।
जिले में कुल 15,000 एचआईवी संक्रमित लोग निबंधित हैं। जिनमें से अधिकांश एसकेएमसीएच के एआरटी सेंटर से नियमित दवा प्राप्त करते हैं। उत्तर बिहार में एचआईवी के मरीजों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है। पूरे क्षेत्र में करीब 25,000 लोग एचआईवी से संक्रमित हैं। जो कि एक गंभीर स्वास्थ्य संकट को दर्शाता है।
मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 5600 मरीज हैं, जो एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं। इनकी पहचान पहले ही की जा चुकी है लेकिन बड़ी संख्या में लोग अभी भी इस बीमारी से अनजान हैं। एचआईवी संक्रमण का सबसे बड़ा संकट यह है कि बहुत से लोग वर्षों तक इस वायरस से संक्रमित रहते हैं लेकिन वे इसका इलाज नहीं कराते क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती। जब उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से कमजोर हो जाता है, तो वे एड्स (एआईडीएस) के शिकार हो जाते हैं।
सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच के एचआईवी काउंसलिंग सेंटर में हर महीने पांच से सात नए मरीजों की पहचान होती है। इसके बावजूद संक्रमण दर लगातार बढ़ता जा रहा है और एसकेएमसीएच के एआरटी सेंटर पर मरीजों की भीड़ हर रोज़ बढ़ रही है। सरकारी स्तर पर एचआईवी के संक्रमण को रोकने और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति तब है जब मरीजों की पहचान हो चुकी है फिर भी उनकी संख्या में वृद्धि हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। आईसीटीसी (इन्फेक्शन कंट्रोल टेक्नोलॉजी सेंटर) की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 5975 एचआईवी संक्रमित लोग हैं। इसके अलावा पं. चंपारण में 3437, सीतामढ़ी में 5700, समस्तीपुर में 4000 और मधुबनी में 5008 लोग एचआईवी से संक्रमित हैं।
इन जिलों में भी संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन इसके प्रभावी इलाज और रोकथाम के उपायों की कमी महसूस हो रही है। एचआईवी संक्रमण के मामलों की निरंतर वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को और अधिक जागरूकता अभियान चलाने, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और संक्रमण के रोकथाम के उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। साथ ही लोगों को एचआईवी के प्रति जागरूक करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए ताकि आने वाले समय में इस महामारी पर काबू पाया जा सके।