सिर्फ धनतेरस पर खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, भगवान धनवंतरि को लगता है जड़ी-बूटियों का भोग
- Post By Admin on Oct 05 2025
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नई दिल्ली : 18 अक्टूबर को देशभर में धनतेरस का महापर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है, जिन्हें निरोगी जीवन और सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित सुड़िया का धन्वंतरि मंदिर इस पर्व के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना है और यहाँ की अष्टधातु की मूर्ति में भगवान हाथ में अमृत कलश, सुदर्शन चक्र और शंख लिए खड़े हैं। मंदिर के कपाट साल में केवल धनतेरस के दिन ही खुले जाते हैं और इस दिन देशभर से भक्त भगवान के दर्शन और जड़ी-बूटियों से पूजन करने आते हैं।
माना जाता है कि मंदिर में भगवान धन्वंतरि को हिमालय की जड़ी-बूटियों का भोग अर्पित किया जाता है, जिससे भक्त अपने रोगों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं। यह स्थान वैधराज के निजी पूजन स्थल के रूप में भी विख्यात है।
मंदिर का संचालन और पूजन कार्य राजवैद्य स्वर्गीय शिवकुमार शास्त्री के परिवार द्वारा पीढ़ियों से किया जा रहा है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है और उन्होंने इसे अष्ट-शास्त्रों में बांटा था: भूत विद्या (मनोचिकित्सा), शल्य (सर्जरी), सायनतंत्र (रसायन विज्ञान), शालक्य (कान, नाक, गला), कौमारभृत्य (बाल रोग), वाजीकरण तंत्र (प्रजनन स्वास्थ्य), काय चिकित्सा (सामान्य चिकित्सा) और अगदतंत्र (विष विज्ञान)। आज भी आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति इन सिद्धांतों पर आधारित है।
धनतेरस के दिन इस मंदिर में भक्त भगवान धन्वंतरि के दर्शन कर न केवल स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं, बल्कि आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की परंपरा का भी सम्मान करते हैं।