घर नहीं संभला तो बिहार कैसे संभालते— रोहिणी विवाद पर एनडीए का तेजस्वी पर हमला
- Post By Admin on Nov 16 2025
नई दिल्ली : लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और परिवार के भीतर दुर्व्यवहार के गंभीर आरोपों ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है। रोहिणी के आरोपों को लेकर एनडीए नेताओं ने राजद के वरिष्ठ नेता और उनके भाई तेजस्वी यादव पर ज़ोरदार निशाना साधा है। उनका कहना है कि जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वह बिहार संभालने की बात कैसे कर सकता है।
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि राजद की “अराजकता” अब घर के भीतर भी दिखने लगी है। उन्होंने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा, “जो लोग परिवार को समेट नहीं सकते, वे बिहार कैसे चलाएंगे? पहले भाई बिछड़ा, अब बहन।” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पारिवारिक मामला है, पर “मानसिकता भविष्य तय कर देती है।”
भाजपा नेता नीरज सिंह बबलू ने भी तेजस्वी पर वार करते हुए कहा कि पोस्टरों से माता-पिता का फोटो हटना, फिर भाई का घर छोड़ देना और अब बहन का रोते हुए निकल जाना — यह सब परिवारिक असंतोष की कहानी खुद बयान करता है। उनके अनुसार, तेजस्वी को पहले “परिवार संभालना सीखना चाहिए”।
जेडीयू नेता मदन सहनी ने इसे “लालू परिवार का पुराना चरित्र” बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के 15 वर्ष के शासन में भी भय का माहौल रहा और अब वही स्थिति परिवार के भीतर दिख रही है। सहनी के अनुसार, “जिस बेटी ने लालू की जान बचाई, उसी को आज घर छोड़ना पड़ रहा है—यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
जनशक्ति जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मदन यादव ने इसे चुनावी हार से उपजी बेचैनी बताया। उन्होंने कहा कि राजद ने सहयोगियों का सम्मान नहीं किया, इसलिए परिणाम भुगतना पड़ा। “जयचंद सामने आ रहे हैं, लेकिन जल्द ही खुद भागेंगे,” उन्होंने तंज कसते हुए कहा।
जेडीयू नेता संजय सिंह ने रोहिणी के ‘चप्पल उठाने’ वाले आरोप का हवाला देते हुए कहा कि “घर में महाभारत चल रहा है।” उनके अनुसार, पार्टी की करारी हार के बाद जिम्मेदारी से बचने के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
इस बीच, बीजेपी की जीत पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार की जनता ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए स्पष्ट जनादेश दिया है। उनके अनुसार, “जो लोकतंत्र का अपमान करेगा, उसे जनता सज़ा देगी।” उन्होंने दावा किया कि जातीय राजनीति और उन्माद की राजनीति को जनता ने नकार दिया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनडीए की जीत पर कहा कि यह परिणाम राजद और महागठबंधन के लिए हजम करना मुश्किल है। इस पर विजय सिन्हा ने पलटवार किया कि “परिवारवादी राजनीति करने वालों के लिए ऐसा कहना स्वाभाविक है।”
बिहार चुनाव के बाद अगला राजनीतिक मोर्चा बंगाल माना जा रहा है। इस पर विजय सिन्हा ने विश्वास जताया कि “बंगाल भी बिहार की तरह घुसपैठियों से मुक्त होकर लोकतंत्र को मजबूत करेगा।”
रोहिणी के आरोपों और नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाओं ने बिहार की राजनीति को गरमा दिया है। अब नजरें इस बात पर हैं कि तेजस्वी यादव या राजद परिवार की ओर से इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया आती है।