कैंसर की पहचान होगी आसान, 150 से अधिक आशा वर्कर्स को दी गई ट्रेनिंग

  • Post By Admin on Aug 11 2025
कैंसर की पहचान होगी आसान, 150 से अधिक आशा वर्कर्स को दी गई ट्रेनिंग

नई दिल्ली : दिल्ली में कैंसर से लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। 150 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती पहचान और डायग्नोसिस के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यह पहल नेशनल एसोसिएशन फॉर रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ ऑफ इंडिया (नारची) और सर गंगा राम अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के सहयोग से शुरू हुई।

यह प्रशिक्षण 8 से 10 अगस्त तक आयोजित 31वें वार्षिक सम्मेलन में हुआ, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं को कैंसर के शुरुआती लक्षण पहचानने, मरीजों को डायग्नोस्टिक सेंटर तक शीघ्र पहुंचाने और बीमारी से जुड़े डर व भ्रांतियों को दूर करने के तरीके सिखाए गए। उन्हें ट्रैकिंग टूल्स का उपयोग कर संदिग्ध मामलों का रिकॉर्ड रखने और फॉलो-अप करने की भी ट्रेनिंग दी गई।

नारची दिल्ली चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. माला श्रीवास्तव ने बताया कि शुरुआती पहचान से कैंसर में 90% से अधिक जीवित रहने की संभावना होती है, जबकि देर से डायग्नोस होने पर यह दर 40% से भी कम हो जाती है। उन्होंने कहा, “150 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करके हम उन्हें अपने समुदाय की स्वास्थ्य रक्षक बना रहे हैं, जिससे महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में कमी आएगी।”

भारत में हर साल लगभग 13 लाख नए कैंसर के मामले और 8 लाख से अधिक मौतें दर्ज होती हैं। चिंताजनक तथ्य यह है कि केवल 20% मामले ही शुरुआती स्टेज में पकड़े जाते हैं। एक आशा कार्यकर्ता औसतन 1,000 लोगों की सेवा करती है, जिससे इस कार्यक्रम की पहुंच लाखों लोगों तक होगी।

नारची दिल्ली चैप्टर की उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रा मंसुखानी ने कहा कि स्टेज 1 में कैंसर का पता लगना इलाज को सस्ता, आसान और अधिक प्रभावी बनाता है। इस पहल के तहत अगले एक साल में दिल्ली के सभी जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होंगे, जिनमें आशा कार्यकर्ता मोहल्लों और स्कूलों में कैंसर स्क्रीनिंग कैंप लगाएंगी। प्रगति की निगरानी के लिए डिजिटल डैशबोर्ड भी तैयार किया जाएगा।

यह प्रयास अगले चरण में करीब दस लाख से अधिक लोगों तक कैंसर जागरूकता और शुरुआती स्क्रीनिंग पहुंचाने का लक्ष्य रखता है।