भारत–नीदरलैंड संबंधों को मजबूती : रक्षा सहयोग के लिए आशय-पत्र का आदान प्रदान

  • Post By Admin on Dec 18 2025
भारत–नीदरलैंड संबंधों को मजबूती : रक्षा सहयोग के लिए आशय-पत्र का आदान प्रदान

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील से मुलाकात की। इस बैठक में भारत और नीदरलैंड के बीच मजबूत और निरंतर बढ़ते रक्षा साझेदारी संबंधों को और सुदृढ़ करने पर व्यापक चर्चा हुई। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस विमर्श में रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन को प्राथमिक क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया।

नई दिल्ली में हुई इस बैठक में दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत-नीदरलैंड रणनीतिक साझेदारी में रक्षा सहयोग एक प्रमुख स्तंभ बनेगा। दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझा दृष्टिकोण व्यक्त किया है। बैठक के दौरान दोनों देशों ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को दोहराया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व नीदरलैंड के विदेश मंत्री ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

दोनों पक्षों ने विशेष रूप से श्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में साझेदारी पर बल दिया। दोनों देशों ने रक्षा उद्योगों को इस क्षेत्र में आपस में जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके लिए प्रौद्योगिकी सहयोग, सह-उत्पादन और सह-विकास के उद्देश्य से एक डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप तैयार करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।

बैठक के दौरान भारत और नीदरलैंड के बीच रक्षा सहयोग को लेकर आशय-पत्र (लैटर ऑफ इंटेंट) का आदान-प्रदान भी किया गया। आशय-पत्र का आदान-प्रदान भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारत में नीदरलैंड की राजदूत के बीच हुआ। इस दौरान दोनों देशों के दोनों मंत्रियों की उपस्थिति रही।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नीदरलैंड में रहने वाला प्रवासी भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु के रूप में कार्य कर रहा है। यह प्रवासी समुदाय आपसी मित्रता और सहयोग को और सुदृढ़ करता है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत और नीदरलैंड के बीच रक्षा एवं रणनीतिक साझेदारी की नई दिशा में काफी महत्वपूर्ण है। इससे न केवल दोनों देशों की रक्षा क्षमताओं में वृद्धि होगी, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को भी बल मिलेगा।