गूगल और मेटा पर ईडी का शिकंजा : अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार को लेकर 21जुलाई को पेशी

  • Post By Admin on Jul 19 2025
गूगल और मेटा पर ईडी का शिकंजा : अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार को लेकर 21जुलाई को पेशी

नई दिल्ली : देशभर में बढ़ते अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामलों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने गूगल और मेटा जैसी दिग्गज टेक कंपनियों को नोटिस जारी कर 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है। आरोप है कि इन कंपनियों ने संदिग्ध सट्टेबाजी ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन और प्रचार की प्रमुख जगहें दीं, जिससे इन अवैध ऐप्स की पहुँच और मुनाफा दोनों में इजाफा हुआ।

ईडी ने बताया कि ये ऐप्स ‘स्किल-बेस्ड गेम्स’ का मुखौटा पहनकर करोड़ों रुपये की सट्टेबाजी करवा रहे थे और इनसे कमाई गई रकम को हवाला चैनलों के जरिए विदेशों में भेजा गया। इस पूरे नेटवर्क की जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) और पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट, 1867 के तहत की जा रही है।

ईडी के मुताबिक, गूगल और मेटा ने ऐसे ऐप्स को प्रमोट किया जिनके जरिए देशभर में करोड़ों की अवैध सट्टेबाजी की गई। इन प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए गए विज्ञापनों की वजह से इन ऐप्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और बड़ी संख्या में यूजर्स जुड़ते गए।

29 सेलेब्रिटी भी जांच के घेरे में

इस मामले में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी पहले ही 29 मशहूर हस्तियों से पूछताछ कर चुका है। इनमें फिल्म अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

इसके अलावा टीवी कलाकारों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव पर भी जंगली रम्मी, A23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स के प्रचार में शामिल होने के आरोप हैं।

हालांकि इन हस्तियों ने सफाई दी है कि वे किसी अवैध ऐप से जुड़े नहीं हैं, लेकिन ईडी अब सभी एंगल से मामले की गहन पड़ताल कर रहा है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।

टेक कंपनियों की भूमिका पर सवाल

इस पूरे मामले में गूगल और मेटा की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ईडी का कहना है कि इन कंपनियों ने मुनाफे की लालच में अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले ऐप्स को प्रमोट किया, जो न सिर्फ कानून के खिलाफ है बल्कि लाखों यूजर्स को धोखे में रखने जैसा भी है।

ईडी की पूछताछ और जांच के बाद यह तय होगा कि इन कंपनियों पर आगे क्या कानूनी कार्रवाई होगी। आने वाले दिनों में यह मामला टेक कंपनियों और डिजिटल विज्ञापन नीतियों को लेकर बड़ा उदाहरण बन सकता है।