नेपाल में युवाओं का आंदोलन : चार चेहरों ने बदली दिशा, ओली सरकार को दी चुनौती
- Post By Admin on Sep 11 2025

नई दिल्ली : नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ शुरू हुए युवाओं के आंदोलन ने राजनीतिक हलचलों को तेज कर दिया है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं, जिसमें संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और नेताओं के आवासों में आगजनी की घटनाएं हुईं।
हालात बिगड़ने के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और कई मंत्रियों को देश छोड़ना पड़ा। अब सेना सड़कों पर उतरकर स्थिति को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने का प्रयास कर रही है।
इस उथल-पुथल में चार प्रमुख नेताओं की भूमिका सबसे निर्णायक मानी जा रही है। इनमें सुदन गुरुंग, बालेंद्र शाह, रबि लमिछाने और पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की शामिल हैं।
सुदन गुरुंग ने 2015 के भूकंप के दौरान ‘हमि नेपाल’ एनजीओ की स्थापना की थी और कोविड महामारी में राहत कार्यों में भी सक्रिय रहे। 2020 के ‘इनफ इज इनफ’ आंदोलन के बाद वे युवाओं के नेता बन चुके हैं। सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन में उन्होंने छात्रों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए मार्गदर्शन दिया और जब पुलिस ने बल प्रयोग किया तो तुरंत प्रधानमंत्री ओली से इस्तीफे की मांग की।
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, जो सिविल इंजीनियर और रैप आर्टिस्ट से राजनीति में आए, 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मेयर चुने गए। युवाओं में उनकी लोकप्रियता और भ्रष्टाचार विरोधी छवि ने उन्हें आंदोलन का प्रमुख चेहरा बना दिया। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे आंदोलन का व्यक्तिगत लाभ न उठाएं।
तीसरे प्रमुख चेहरे रबि लमिछाने हैं। पत्रकार और टीवी एंकर से राजनीति में आए लमिछाने ने 2022 में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी बनाई और चुनावों में 20 सीटें जीतीं। सहकारी फंड घोटाले में जेल जाने के बावजूद उनकी पार्टी ने आंदोलन का समर्थन किया और सरकार पर दबाव बनाने में युवाओं ने उन्हें जेल से छुड़ाने में मदद की।
पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने भी आंदोलन को मजबूती दी। नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही कार्की ने प्रदर्शन में गोलीबारी को ‘हत्या’ करार देते हुए खुद सड़कों पर उतरकर युवाओं को प्रेरित किया। उनके अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के लिए 2500 से अधिक समर्थन जुटाए गए।
इस आंदोलन ने नेपाल की राजनीति में नई दिशा तय कर दी है और ओली सरकार के लिए गंभीर चुनौती पेश की है।