देश की जनता के प्रिय और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा नहीं रहें, भावुक हुए मुकेश अंबानी
- Post By Admin on Oct 09 2024
नई दिल्ली: प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे बढ़ती उम्र से जुड़ी समस्याओं के कारण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। रतन टाटा के निधन की पुष्टि टाटा समूह ने की है, जिसमें उन्होंने इसे एक बहुत बड़ी क्षति बताया है। टाटा समूह ने कहा कि रतन टाटा ने न केवल समूह को, बल्कि देश को भी आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
रतन टाटा के निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। उद्योग जगत के प्रमुख हस्तियों में से एक, हर्ष गोयनका ने इस खबर को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए कहा कि रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की मिसाल थे। उनका योगदान केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने समाज और दुनिया पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी।
1991 में रतन टाटा ने टाटा समूह के चेयरमैन का पदभार संभाला और उनके नेतृत्व में समूह ने ऊंचाइयों को छुआ। 2012 तक इस पद पर रहते हुए उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा मोटर्स जैसे व्यवसायों को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाई।
रतन टाटा को उनके विनम्र व्यवहार और समाज सेवा के लिए भी याद किया जाएगा। वे फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जो सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट सहित कई अन्य ट्रस्टों को संचालित करता है। उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था।
28 सितंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा एक सहृदय और सरल व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। उनके जीवन के कई किस्से हैं, जो बताते हैं कि उन्होंने न केवल कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि समाज और जरूरतमंदों की मदद करने में भी हमेशा आगे रहे।
मुकेश अंबानी ने रतन टाटा के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए कहा "यह भारत और भारतीय उद्योग जगत के लिए अत्यंत दुखद दिन है। रतन टाटा के निधन से न केवल टाटा समूह को, बल्कि हर भारतीय को बड़ी क्षति हुई है।
व्यक्तिगत स्तर पर, रतन टाटा के निधन ने मुझे गहरे शोक में डाल दिया है, क्योंकि मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है। उनके साथ मेरी हर मुलाकात ने मुझे प्रेरित और ऊर्जावान किया और उनके महान चरित्र और मानवीय मूल्यों के प्रति मेरा सम्मान और भी बढ़ा दिया। रतन टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति और समाजसेवी थे, जो हमेशा समाज की भलाई के लिए प्रयासरत रहे। रतन टाटा के निधन के साथ ही भारत ने अपने सबसे प्रतिष्ठित और उदार पुत्रों में से एक को खो दिया है। श्री टाटा ने भारत को विश्व पटल पर स्थापित किया और विश्व की सर्वश्रेष्ठ चीजें भारत में लाईं। उन्होंने टाटा समूह को संस्थागत रूप दिया और 1991 में चेयरमैन बनने के बाद इसे 70 गुना से अधिक बढ़ाकर एक अंतरराष्ट्रीय उद्यम बना दिया।
रिलायंस की ओर से, नीता और अंबानी परिवार की ओर से, मैं टाटा परिवार और पूरे टाटा समूह के शोक संतप्त सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। रतन, आप हमेशा मेरे दिल में रहेंगे।
ॐ शांति।"