शिवराज पाटिल के दो विवाद जिन्होंने उनकी छवि पर खड़ा किया था सवाल
- Post By Admin on Dec 12 2025
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। अपने संतुलित व्यक्तित्व और संयमित राजनीतिक शैली के लिए पहचाने जाने वाले पाटिल लंबे सार्वजनिक जीवन में आमतौर पर विवादों से दूर रहे, लेकिन दो मौकों पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा। एक विवाद उनके धर्मग्रंथों को लेकर दिए गए बयान से जुड़ा था, जबकि दूसरा 2008 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट के दौरान उनकी वेशभूषा को लेकर उठे सवालों से संबंधित था।
गीता और कुरान में ‘जिहाद’ के संदर्भ में बयान
दिल्ली में एक बुक लॉन्च कार्यक्रम में शिवराज पाटिल ने कहा था कि “जिहाद की अवधारणा केवल कुरान में ही नहीं, बल्कि गीता और ईसाई धर्मग्रंथों में भी देखने को मिलती है।”
उन्होंने महाभारत के उस प्रसंग का उल्लेख किया जिसमें श्री कृष्ण अर्जुन को धर्म के लिए युद्ध करने की प्रेरणा देते हैं और इसे ‘जिहाद’ जैसी अवधारणा से समान बताया। साथ ही, ईसा मसीह के संदर्भ में भी उन्होंने इसी दृष्टांत का उल्लेख किया।
उनके इस बयान के बाद राजनीतिक और धार्मिक हलकों में जोरदार विवाद खड़ा हो गया। कई संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया, जबकि विपक्षी दलों ने इसे कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कठोर आलोचना की।
पाटिल ने हालांकि अपनी बात पर कायम रहते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियां “दार्शनिक व्याख्या” थीं और किसी धर्म का अनादर करना उद्देश्य नहीं था।
2008 दिल्ली ब्लास्ट के दौरान वेशभूषा पर उठा विवाद
दूसरा बड़ा विवाद 2008 में तब सामने आया जब दिल्ली में सीरियल बम धमाकों की शाम शिवराज पाटिल को लगभग चार घंटे के भीतर तीन अलग-अलग परिधानों में देखा गया।
जब अस्पतालों में घायलों के इलाज का दौर चल रहा था, उस दौरान कपड़े बदलने को लेकर पाटिल को असंवेदनशील कहा गया। विपक्षी दलों ने इसे “वक्त की गंभीरता को न समझने वाला” कदम बताया।
एक टीवी इंटरव्यू में पाटिल ने इस आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “मैं साफ-सुथरे ढंग से रहने वाला व्यक्ति हूं। नीतियों की आलोचना कीजिए, कपड़ों की नहीं।” उन्होंने इस विवाद को राजनीतिक मर्यादा से परे बताते हुए इसे जनता के विवेक पर छोड़ दिया था।
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इस विवाद को निरर्थक बताया था। बिहार के पूर्व मंत्री शकील अहमद ने कहा कि किसी व्यक्ति का मूल्यांकन उसके काम से होना चाहिए, न कि उसकी वेशभूषा से।
सार्वजनिक जीवन में संयम का प्रतीक
इन विवादों के बावजूद शिवराज पाटिल को भारतीय राजनीति में सादगी, शालीनता और नैतिक मूल्यों के लिए याद किया जाता है। उनका राजनीतिक सफर और योगदान अक्सर उनके शांत और संतुलित व्यक्तित्व के संदर्भ में उल्लेखित किया जाता है।