दिल्ली की हवा में जहर, सांस लेना रोज़ाना 49 सिगरेट पीने के बराबर
- Post By Admin on Nov 19 2024

नई दिल्ली : दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर इस समय अपने चरम पर है। राजधानी में एक्यूआई लेवल 978 तक पहुंच गया है जो की खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार इस स्तर की जहरीली हवा में सांस लेना रोजाना 49.02 सिगरेट पीने के बराबर है।
दिल्ली का हाल और प्रदूषण के कारण:
प्रदूषण के बढ़ने के कई कारण हैं। इनमें पराली जलाने, दिवाली के दौरान पटाखों का जलाना और वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रमुख हैं। दिल्ली की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ग्रैप-4 लागू करने में देरी के लिए फटकार लगाई है। न्यायाधीश अभय एस ओका और न्यायाधीश जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा है कि एक्यूआई लेवल 450 से नीचे हो जाने के बावजूद ग्रैप-4 के तहत उठाए गए प्रतिबंधित उपायों को कम करने की अनुमती नहीं होगी।
एक्यूआई लेवल और स्वास्थ्य पर प्रभाव:
एक्यूआई लेवल की बात करें तो हरियाणा दूसरे नंबर पर है। यहां का एक्यूआई लेवल 631 है यानी 24 घंटे के अंदर 33.25 सिगरेट पीने के बराबर। उत्तर प्रदेश की हवा की गुणवत्ता में एक्यूआई 273 है यानी एक दिन में 10.16 सिगरेट पीने के बराबर। पंजाब की स्थिति भी कमोबेश उत्तर प्रदेश जैसी है। यहां का एक्यूआई स्तर 233 दर्ज किया गया है। इसका मतलब है कि यहां की हवा में सांस लेने वाला शख्स एक दिन में 8.34 सिगरेट जितना जहर अपने अंदर खींच रहा है।
सबसे साफ हवा वाला क्षेत्र:
लद्दाख की हवा देश में सबसे स्वच्छ है। यहां एक्यूआई लेवल शून्य है यानी लद्दाख की हवा में शून्य सिगरेट के बराबर जहर घुला हुआ है जो स्वास्थ्य के लिए आदर्श स्थिति है। वही अरुणाचल प्रदेश का एक्यूआई लेवल 13 है जो केवल 0.18 सिगरेट के बराबर है।
नियंत्रण के उपाय और चुनौतियां:
हालात की गंभीरता को देखते हुए 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को छोड़कर अन्य स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुना है।
क्या किया जा सकता है?
प्रदूषण को कम करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर वाहनों का कम उपयोग और सार्वजनिक परिवहन का चयन किया जा सकता है। पराली जलाने के स्थायी समाधान की खोज करने की आवश्यकता है।
दिल्ली और एनसीआर के लिए यह वक्त चेतावनी का है। अगर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो स्थिति और भी खराब हो सकती है।