मेरा उत्तराधिकारी चीन नहीं, तिब्बती परंपराएं तय करेंगी : दलाई लामा
- Post By Admin on Jul 02 2025

नई दिल्ली : तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा और ऐतिहासिक बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगला दलाई लामा तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार ही चुना जाएगा, न कि किसी राजनीतिक प्रक्रिया के तहत। उन्होंने चीन की भूमिका को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि उत्तराधिकारी की पहचान और मान्यता की प्रक्रिया ‘गादेन फोडरंग ट्रस्ट’ द्वारा संचालित की जाएगी।
दलाई लामा ने अपने आधिकारिक वक्तव्य में कहा, “मेरे उत्तराधिकारी की पहचान न तो किसी सरकार की इच्छा से होगी, न किसी बाहरी हस्तक्षेप से। यह निर्णय तिब्बती धर्मगुरुओं और परंपराओं के अनुसार ही लिया जाएगा।” उन्होंने यह घोषणा अपने 90वें जन्मदिवस (6 जुलाई) से ठीक पहले की है, जब वह अपने पूर्व वादे के अनुसार उत्तराधिकारी पर निर्णय लेने की स्थिति में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बीते 14 वर्षों में उन्हें भारत, हिमालयी क्षेत्रों, मंगोलिया, रूस और तिब्बत से लगातार अनुरोध मिलते रहे हैं कि दलाई लामा की परंपरा को जारी रखा जाए। इसे देखते हुए उन्होंने औपचारिक रूप से ऐलान किया कि “दलाई लामा की परंपरा जारी रहेगी।”
दलाई लामा ने यह स्पष्ट किया कि उनका अगला पुनर्जन्म भारत या किसी अन्य स्वतंत्र देश में होगा — ऐसा स्थान जहां तिब्बती बौद्ध धर्म स्वतंत्र रूप से फल-फूल सके। उन्होंने अपनी हालिया पुस्तक "Voice for the Voiceless" में भी इसका ज़िक्र किया है।
दलाई लामा के बयान पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दावा किया कि दलाई लामा को तिब्बती जनता का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है और उत्तराधिकारी का चयन चीन के कानून और ‘गोल्डन अर्न’ परंपरा के तहत ही होगा।
चीन ने पहले भी संकेत दिए थे कि वह दलाई लामा की मृत्यु के बाद अपना खुद का “15वां दलाई लामा” घोषित कर सकता है। लेकिन दलाई लामा ने दोहराया कि राजनीतिक रूप से गढ़े गए किसी भी दलाई लामा को तिब्बती समुदाय कभी स्वीकार नहीं करेगा।
दलाई लामा के इस साहसिक और स्पष्ट रुख को तिब्बती पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। यह बयान तिब्बती संघर्ष के भविष्य, धार्मिक स्वायत्तता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका को लेकर नए आयाम तय कर सकता है।