पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी अभियंता दिवस पर शुभकामनाएं, सर एम. विश्वेश्वरैया को किया नमन

  • Post By Admin on Sep 15 2025
पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी अभियंता दिवस पर शुभकामनाएं, सर एम. विश्वेश्वरैया को किया नमन

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे) के अवसर पर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत की इंजीनियरिंग दुनिया का स्तंभ बताया। पीएम मोदी ने कहा कि विश्वेश्वरैया की प्रतिभा और समर्पण ने भारत के इंजीनियरिंग क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इंजीनियर्स डे पर मैं सर एम. विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि देता हूं, जिनकी प्रतिभा ने भारत के इंजीनियरिंग क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी। मैं सभी इंजीनियरों को शुभकामनाएं देता हूं, जो अपनी रचनात्मकता और दृढ़ संकल्प से विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन ला रहे हैं और कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हमारे इंजीनियर विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इंजीनियर्स डे की बधाई दी और विश्वेश्वरैया के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी दूरदर्शिता और नवाचार भारत को तकनीकी प्रगति के शिखर पर तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विश्वेश्वरैया की स्मृति में मनाया जाने वाला यह दिन हमारे सभी इंजीनियरों की प्रतिभा, नवाचार और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान का उत्सव है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वेश्वरैया को नमन करते हुए कहा कि कृष्णराजसागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर विश्वविद्यालय और बैंक ऑफ मैसूर जैसी उपलब्धियां उनके कठिन प्रयासों से संभव हुईं। उन्होंने उन्हें मां भारती का गुणी सपूत बताया।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्वेश्वरैया का सम्पूर्ण जीवन आधुनिक भारत के निर्माण को समर्पित रहा और वे आज भी अभियंताओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि विश्वेश्वरैया का योगदान न केवल अभियंत्रण बल्कि राष्ट्र निर्माण के हर क्षेत्र में अमूल्य है।

गौरतलब है कि अभियंता दिवस हर साल 15 सितंबर को सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती पर मनाया जाता है। उन्होंने अपनी तकनीकी प्रतिभा और नवाचार से भारत के बुनियादी ढांचे को नई दिशा दी और उन्हें आधुनिक भारत का विश्वकर्मा कहा जाता है।