जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज कम, भवनों के आकलन के लिए लगाए गए क्रेक मीटर

  • Post By Admin on Jan 16 2023
जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज कम, भवनों के आकलन के लिए लगाए गए क्रेक मीटर

16HNAT39 जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज कम, भवनों के आकलन के लिए लगाए गए क्रेक मीटर

849 भवनों में दरार, 400 मकानों का क्षति आकलन
वाडिया संस्थान के 03 भूकम्पीय स्टेशन लगे
जोशीमठ को सुंदर शहर बनाएगी सरकार
190 प्रभावितों को 2.85 करोड़ वितरित

देहरादून: धामी सरकार जोशीमठ भू-धंसाव के बाद शहर को सुरक्षित और सुंदर निर्माण के लिए संकलिप्त है। जोशीमठ के लिए सोमवार को पानी का डिस्चार्ज कम होने की खबर राहत भरी रही। अब तक 849 घरों में दरारें आई हैं। भवनों की क्षति के आकलन के लिए क्रेक मीटर के साथ भूकम्पीय स्टेशन बनाए गए हैं जिससे आकड़े प्राप्त हो रहे हैं।

सोमवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव आपदा प्रबन्धन डा.रंजीत कुमार सिन्हा में पत्रकारों को ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित जानकारी दी। सचिव, आपदा प्रबन्धन डा.सिन्हा ने बताया कि राहत की खबर है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाला पानी का डिस्चार्ज जो 6 जनवरी को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 163 एल.पी.एम. हो गया है। राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन के लिए अग्रिम राशि के रूप में 190 प्रभावित परिवारों को 2.85 करोड़ की धनराशि वितरित की गई है।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने कहा कि जोशीमठ को फिर से सुंदर और आर्कषक बनाया जायेगा। सरकार और शासन इसके लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। कोटि कॉलोनी, उद्यान विभाग की जमीन,पीपलकोटी , ढाल की जमीन सुरशित पाई गई है। इन्ही जगहों पर अस्थाई आवास बनाया जायेगा। घरों का सर्वे होने के बाद उसी तर्ज पर विस्थापितों को अस्थाई आवास दिए जाएंगे। प्री फ्रेबीकेटेड हाउस की आयु औसतन 25 साल होती है। आपदा प्रबन्धन सचिव ने बताया कि एजीएमआई की ओर से दो प्रोफाइल का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस सर्वे से जमीन के अंदर पानी के रिसाव का पता चलेगा। रोपवे को लेकर एक इंजीनियर नियुक्त किया गया है,जो वहां पर निगरानी करेगा। जेपी कंपनी के कई भवनों में दरारें आ चुकी हैं, जिसको लेकर जिला अधिकारी कंपनी प्रबंधन से वार्ता करेंगे। आपदा प्रबन्धन सचिव ने बताया कि भारत सरकार के स्तर पर सीबीआरआई की ओर से भवनों की क्षति का आकलन करने के लिए क्रेक मीटर सम्बन्धित भवनों पर लगाये गये हैं। अभी तक 400 घरों का क्षति आकलन किया जा चुका है। वाडिया संस्थान की ओर से 03 भूकम्पीय स्टेशन लगाये जा चुके हैं, जिन से आंकड़े भी प्राप्त किये जा रहे हैं।

एनजीआईआर की ओर से हाइड्रोलॉजिकल सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। सीबीआरआई, आईआईटी रुड़की, वाडिया इन्स्टीट्यूट, जीएसआई, आईआईआरएस जोशीमठ में कार्य कर रही हैं। सचिव ने बताया कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष/कमरे हैं, जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है और पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रुपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री को अभी तक कुल 73 ( कुल 3.65 लाख रुपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन को 10 प्रभावितों को 13 लाख रुपये वितरित की गई है। लोग मकान किराये के लिए आवेदन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि अभी तक 849 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 165 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 237 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 800 है। इस मौके पर अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच और निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।