जैश-ए-मोहम्मद का नया हथकंडा : महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए शुरू किया ऑनलाइन जिहादी प्रशिक्षण

  • Post By Admin on Oct 22 2025
जैश-ए-मोहम्मद का नया हथकंडा : महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए शुरू किया ऑनलाइन जिहादी प्रशिक्षण

नई दिल्ली : पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अब महिलाओं को भी अपने आतंक नेटवर्क में शामिल करने की नई साजिश रचनी शुरू कर दी है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित यह संगठन महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन जिहादी प्रशिक्षण कोर्स ‘तुफत-अल-मुमिनात’ लॉन्च कर चुका है।

सूत्रों के अनुसार, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन जैश सरगना मसूद अजहर की दो बहनें सादिया अजहर और समायरा अजहर करेंगी। इनके जरिए संगठन की महिला विंग ‘जमात-अल-मुमिनात’ को सक्रिय किया जा रहा है, जिसकी घोषणा मसूद अजहर ने इसी महीने की शुरुआत में की थी।

कट्टरपंथी एजेंडा और चंदा वसूली का खेल
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह ऑनलाइन कोर्स 8 नवंबर से शुरू होगा, जिसमें रोजाना 40 मिनट की लाइव ऑनलाइन क्लास ली जाएगी। प्रतिभागी महिलाओं को “जिहाद के सिद्धांत”, “धर्म की व्याख्या” और “इस्लामिक कर्तव्यों” के नाम पर ब्रेनवॉश किया जाएगा। हर प्रतिभागी से 500 पाकिस्तानी रुपये ‘दान’ के रूप में वसूले जा रहे हैं, जिससे संगठन अपने फंडिंग नेटवर्क को मजबूत कर रहा है।

आतंक के डिजिटल विस्तार की नई चाल
विशेषज्ञों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद की यह पहल महिलाओं के जरिये डिजिटल जिहाद का दायरा बढ़ाने की कोशिश है। पाकिस्तान के सामाजिक ढांचे में जहां महिलाएं स्वतंत्र रूप से बाहर नहीं निकल पातीं, वहीं संगठन ने ऑनलाइन माध्यम को हथियार बनाकर उन्हें सीधे आतंक नेटवर्क से जोड़ने की रणनीति अपनाई है।

सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इन प्रशिक्षित महिलाओं का इस्तेमाल आगे चलकर आत्मघाती या फिदायीन हमलों में किया जा सकता है, जैसा पहले आईएसआईएस और हमास जैसे आतंकी संगठनों में देखा गया है।

पाकिस्तान की दोहरी नीति उजागर
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान एक ओर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंक वित्तपोषण पर नियंत्रण का दावा करता है, जबकि दूसरी ओर जैश जैसे संगठन ऑनलाइन कोर्स और धार्मिक प्रचार के नाम पर खुलेआम फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

महिला ब्रिगेड की कमान सादिया अजहर के पास
नवगठित महिला विंग ‘जमात-अल-मुमिनात’ की अगुवाई सादिया अजहर को दी गई है, जिनके पति यूसुफ अजहर की मौत भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में हुई थी। संगठन की शूरा (सलाहकार परिषद) में मसूद अजहर की बहन साफिया और पुलवामा हमले के आतंकी उमर फारूक की पत्नी अफरीरा फारूक को भी शामिल किया गया है।

हाल ही में 8 अक्टूबर को मसूद अजहर ने ‘जमात-अल-मुमिनात’ के गठन की घोषणा की थी, जबकि 19 अक्टूबर को पीओके के रावलकोट में आयोजित एक कार्यक्रम में महिलाओं से संगठन में जुड़ने की अपील की गई। इससे पहले 27 सितंबर को बहावलपुर में मसूद अजहर ने फंड जुटाने के लिए ‘मरकज उस्मान ओ अली’ में बैठक की थी।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद की यह नई चाल पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के डिजिटल विस्तार और महिलाओं की वैचारिक कट्टरता बढ़ाने की कोशिश को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।