महाराष्ट्र में HMPV वायरस की दस्तक, नागपुर में दो बच्चे संक्रमित

  • Post By Admin on Jan 07 2025
महाराष्ट्र में HMPV वायरस की दस्तक, नागपुर में दो बच्चे संक्रमित

मुंबई : बेंगलुरु और गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की एंट्री हो चुकी है। नागपुर में दो बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। नागपुर के रामदासपेठ स्थित एक निजी अस्पताल में 7 साल के बच्चे और 14 साल की बच्ची को खांसी और बुखार के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। 3 जनवरी को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस नए मामले के बाद देश में HMPV वायरस के कुल सात मामले हो चुके हैं।

कहां-कहां मिले हैं मामले?
महाराष्ट्र से पहले HMPV वायरस के दो मामले बेंगलुरु, एक अहमदाबाद और दो चेन्नई में रिपोर्ट किए गए थे। अब नागपुर में दो नए मामलों के साथ यह वायरस देश के अलग-अलग हिस्सों में फैलता दिख रहा है।

क्या है HMPV वायरस?
HMPV वायरस को पहली बार 2001 में नीदरलैंड में पहचाना गया था। यह एक मौसमी वायरस है जो आमतौर पर सर्दी और गर्मी के शुरुआती दिनों में अधिक सक्रिय होता है। इसके लक्षण सामान्य फ्लू और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) से मिलते-जुलते हैं। खांसी, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं।

स्वास्थ्य विभाग सतर्क, जल्द जारी होगी गाइडलाइंस
महाराष्ट्र सरकार का स्वास्थ्य विभाग वायरस को लेकर सतर्क है। खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए गाइडलाइंस जारी करेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का बयान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई। जिसमें हालात की समीक्षा की गई। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि देश का स्वास्थ्य तंत्र सतर्क है और किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।

HMPV से बचाव के उपाय

ये करें:

1. खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।

2. हाथों को बार-बार साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से धोएं।

3. बुखार, खांसी और छींक होने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।

4. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।

5. सभी क्षेत्रों में पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।

ये न करें:

1. हाथ मिलाने से बचें।

2. टिशू पेपर और नैपकिन का पुनः उपयोग न करें।

3. बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें।

4. आंख, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें।

5. सार्वजनिक स्थान पर थूकने से बचें।

6. डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें।