अमेरिका-सऊदी रिश्तों में ऐतिहासिक मोड़ : परमाणु करार से एफ-35 पर लगी मुहर

  • Post By Admin on Nov 19 2025
अमेरिका-सऊदी रिश्तों में ऐतिहासिक मोड़ : परमाणु करार से एफ-35 पर लगी मुहर

नई दिल्ली : सऊदी अरब और अमेरिका के बीच रक्षा, ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्रों में अब तक की सबसे बड़ी और रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण डील को अंतिम रूप दे दिया गया है। सात साल बाद अमेरिकी दौरे पर पहुंचे सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं के बीच कई ऐतिहासिक समझौते हुए।

बैठक के दौरान दोनों देशों ने असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग संबंधी संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जिससे सऊदी अरब में सिविल न्यूक्लियर एनर्जी परियोजनाओं के विकास का रास्ता साफ होगा। इसके साथ ही एआई सहयोग और महत्वपूर्ण खनिज ढांचे को लेकर भी एमओयू पर सहमति बनी।

इस बड़े पैमाने के समझौतों की श्रृंखला में रक्षा क्षेत्र सबसे अधिक अहम रहा। अमेरिका ने सऊदी अरब को 48 एफ-35एस फाइटर जेट बेचने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है—यह वही विमान है जिसकी सप्लाई अब तक सिर्फ इजरायल तक सीमित थी। इसके अतिरिक्त, सऊदी अरब ने करीब 300 अमेरिकी टैंकों की खरीद पर भी सहमति जताई है। ट्रंप ने कहा कि इस डील की जानकारी इजरायल को पहले ही दे दी गई थी और दोनों देश अमेरिका के “करीबी साझेदार” हैं।

सऊदी क्राउन प्रिंस ने अमेरिका में अपने देश के निवेश को 600 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की घोषणा की, जो द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने वाली है।

गौरतलब है कि 2018 में पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था, लेकिन इस दौरे और इन समझौतों को रिश्तों में नई गर्माहट के रूप में देखा जा रहा है। क्राउन प्रिंस के सम्मान में आयोजित व्हाइट हाउस डिनर में राष्ट्रपति ट्रंप ने सऊदी अरब को “मेज़र नॉन-नाटो एलाय” का दर्जा देने की घोषणा भी की, जो अब तक सिर्फ 19 देशों को प्राप्त है।

इन समझौतों के साथ अमेरिका और सऊदी अरब के रणनीतिक संबंध नए दौर में प्रवेश कर गए हैं, जिसका असर मध्य-पूर्व की भू-राजनीति से लेकर वैश्विक सुरक्षा और ऊर्जा बाजारों तक महसूस किया जाएगा।