पिता ने खोली मिठाई की दुकान, बेटे ने लगाया दिमाग, बना दी 600 एकड़ की यूनिवर्सिटी

  • Post By Admin on Mar 13 2025
पिता ने खोली मिठाई की दुकान, बेटे ने लगाया दिमाग, बना दी 600 एकड़ की यूनिवर्सिटी

कई बार जीवन की छोटी शुरुआत बड़े सपनों और सफलताओं का मार्ग खोलती है। आज हम आपको एक ऐसी प्रेरक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक छोटे से व्यापार से शुरुआत करने वाले एक व्यक्ति ने अपनी मेहनत और दिमागी सूझबूझ से एक विशाल यूनिवर्सिटी की नींव रखी। यह कहानी है अशोक कुमार मित्तल की, जिन्होंने अपने पिता की मिठाई की दुकान से शुरू की यात्रा को एक वैश्विक शैक्षणिक संस्थान में बदल दिया।

शुरुआत : मिठाई की दुकान से लवली ग्रुप तक

कहानी 1961 की है, जब अशोक मित्तल के पिता बलदेव राज मित्तल ने जालंधर में 500 रुपये उधार लेकर अपनी मिठाई की दुकान “लवली स्वीट्स” खोली। उस समय पंजाब में ज्यादातर लोग मोटी बूंदी वाले लड्डू पसंद करते थे, लेकिन उनके पिता ने मोतीचूर के लड्डू बनाने शुरू किए। यह नया स्वाद ग्राहकों को बहुत भाया और धीरे-धीरे उनकी दुकान लोकप्रिय हो गई।

समय के साथ, लवली स्वीट्स ने जालंधर और आसपास के इलाकों में कई शाखाएं खोलीं। 1969 तक इस दुकान की तीन शाखाएं हो गईं और देखते ही देखते यह ग्रुप बनने के साथ-साथ बेकरी व्यवसाय में भी हाथ आजमाने लगा।

शिक्षा और व्यापार का संगम 

अशोक मित्तल ने अपनी शिक्षा गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर से कानून (LLB) में प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने परिवार के व्यवसाय में कदम रखा और अपने पिता से व्यापार के गुर सीखे। लवली स्वीट्स को और आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने स्कूटर से लेकर मारुति तक की डीलरशिप ली। इस प्रकार उन्होंने अपने पारिवारिक व्यवसाय को विस्तार दिया।

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) का जन्म

अशोक मित्तल ने समाज के प्रति अपने योगदान को महसूस किया और शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा। 1999 में उन्होंने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कर “इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (IIMS)” की शुरुआत की। इसके बाद, 2003 में उन्होंने पंजाब सरकार से विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। 2005 में “लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी” (LPU) को मान्यता मिली और 2006 में इस यूनिवर्सिटी का पहला शैक्षणिक सत्र शुरू हुआ।

600 एकड़ में फैली शैक्षिक संस्था

आज “लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी” का कैंपस 600 एकड़ में फैला हुआ है और यहां 50 से अधिक देशों के करीब 35,000 छात्र अध्ययन कर रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी के चांसलर अशोक मित्तल, न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में लगे हुए हैं, बल्कि वह पंजाब से राज्यसभा सांसद भी हैं।

अशोक मित्तल की यह यात्रा यह साबित करती है कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। उनका जीवन उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने छोटे से व्यापार से शुरू होकर एक वैश्विक स्तर की यूनिवर्सिटी की स्थापना कर यह दिखा दिया कि शिक्षा और व्यापार को जोड़कर एक बेहतरीन बदलाव लाया जा सकता है।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि एक छोटी सी शुरुआत, सही दिशा और उद्देश्य से काम करने पर बड़े सपने साकार हो सकते हैं। अशोक मित्तल ने अपने पिता के व्यापार को न केवल आगे बढ़ाया, बल्कि उसे एक नई दिशा दी और एक नई पहचान दी, जो आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।