ईपीएफओ का बड़ा बदलाव, आधार से जुड़ेगा पीएफ खाता, पढ़ें पूरी जानकारी
- Post By Admin on Mar 10 2025

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सदस्यों के लिए एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसके तहत पीएफ खाता आधार से जुड़ जाएगा। यह नया कदम खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है जिनके पास दो या उससे अधिक यूएएन नंबर हैं, जिससे उन्हें पीएफ बैलेंस देखने और निकासी में परेशानी आती है। इसके तहत, एक कर्मचारी को अब केवल एक आधार नंबर के आधार पर एक ही यूएएन नंबर मिलेगा, जिससे पीएफ खातों से संबंधित सभी प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी हो जाएंगी।
दो यूएएन की समस्या और समाधान
ईपीएफओ का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक कर्मचारी के पास एक ही यूएएन नंबर हो, ताकि जब वह अपनी नौकरी बदलता है तो पुराने पीएफ खाते की राशि नए खाते में आसानी से ट्रांसफर हो सके। इससे पहले, यह देखा गया था कि कई कर्मचारी जब नौकरी बदलते थे, तो वे या तो पुराने यूएएन को छिपा देते थे या नई कंपनी उन्हें नया यूएएन जारी कर देती थी। इसके परिणामस्वरूप, कर्मचारियों के पास दो या उससे अधिक यूएएन नंबर हो जाते थे, जिससे उन्हें पीएफ निकासी या अन्य प्रक्रियाओं में समस्याएं होती थीं।
अब, इस नई व्यवस्था के तहत यदि किसी कर्मचारी के पास पहले से यूएएन है, तो नया नंबर जारी नहीं होगा। यदि आधार से जुड़ा यूएएन नहीं होगा, तो नया यूएएन नंबर जारी किया जाएगा। यह प्रणाली ईपीएफओ 3.0 के तहत पूरी तरह से लागू की जाएगी।
आधार आधारित वन टाइम पासवर्ड की व्यवस्था में सुधार
बीते साल, ईपीएफओ ने आधार आधारित वन टाइम पासवर्ड (OTP) प्रणाली को लागू किया था, लेकिन अब इसे और अधिक एडवांस बनाने पर काम चल रहा है। इस नई व्यवस्था में एक आधार पर केवल एक ही यूएएन खोला जा सकेगा, जिससे भविष्य में पीएफ निकासी और अन्य संबंधित कार्यों में कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
क्या करना होगा अगर किसी के पास दो यूएएन नंबर हैं?
यदि किसी कर्मचारी के पास दो या उससे अधिक यूएएन नंबर हैं, तो उन्हें इन नंबरों को मर्ज करने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए कर्मचारी ईपीएफओ के पोर्टल पर या ऑफलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुराने यूएएन को बंद कर दिया जाएगा और वर्तमान यूएएन सक्रिय रहेगा।
ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से मर्ज करने की प्रक्रिया
• ऑनलाइन प्रक्रिया : ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर “One Member - One EPF Account (Transfer Request)” पर क्लिक करना होगा और फिर यूएएन व मेंबर आईडी की जानकारी डालकर OTP के जरिए सत्यापन करना होगा।
• ऑफलाइन प्रक्रिया : कर्मचारी को ईपीएफओ के फॉर्म-13 को भरकर नियोक्ता से हस्ताक्षर करवाने होंगे और उसे नजदीकी ईपीएफओ कार्यालय में जमा करना होगा।
क्या होगा यदि यूएएन भूल गए हैं ?
अगर कर्मचारी अपना पुराना यूएएन भूल गए हैं, तो वे ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर “Know your UAN” लिंक के माध्यम से अपना यूएएन पता कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी विवरण भरने होंगे।
आधार आधारित यूएएन प्रणाली के लाभ
इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कर्मचारी को अब पीएफ निकासी और ट्रांसफर में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा, उनकी सेवा अवधि का सही रिकॉर्ड बनेगा, जिससे पेंशन लाभ भी सही तरीके से मिलेगा।
यूएएन का महत्व
ईपीएफओ द्वारा जारी किया गया यूएएन एक 12 अंकों का स्थायी नंबर होता है जो जीवनभर के लिए वैध रहता है। यह नंबर कर्मचारियों के पीएफ खातों का लिंक होता है और नौकरी बदलने पर भी यह नंबर बदला नहीं जाता। इससे पीएफ खाते का ट्रांसफर और निकासी आसान हो जाती है। इस बदलाव से कर्मचारियों को पीएफ से जुड़े कार्यों में कोई जटिलता नहीं आएगी और उनकी सारी जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध होगी।