अमेरिका की जीडीपी ने उड़ाई नींद, भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आई बड़ी भविष्यवाणी

  • Post By Admin on Mar 28 2025
अमेरिका की जीडीपी ने उड़ाई नींद, भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आई बड़ी भविष्यवाणी

नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार ने वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत की जीडीपी बीते दस वर्षों में दोगुनी हो गई है। 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था रखने वाला भारत 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच चुका है। यह 105% की वृद्धि दर्शाता है, जो भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों और औद्योगिक विकास को दर्शाता है।

भारत की रफ्तार बनी वैश्विक चर्चा का विषय

आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक, भारत आने वाले वर्षों में लगातार आर्थिक प्रगति करता रहेगा। 2025 के तीसरे क्वार्टर में भारत जापान को पीछे छोड़ सकता है और 2027 तक जर्मनी को पछाड़ते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वर्तमान में जापान की जीडीपी 4.4 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी की 4.9 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। भारत की तेज विकास दर को देखते हुए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि देश जल्द ही केवल अमेरिका और चीन से पीछे रह जाएगा।

आर्थिक नीतियों का असर और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति

भारत की इस आर्थिक छलांग के पीछे सरकार की विकासपरक नीतियां और वैश्विक निवेशकों का बढ़ता भरोसा बड़ा कारण है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया और पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था के दोगुनी होने की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत न केवल G7 और G20 जैसे वैश्विक संगठनों में अहम भूमिका निभा रहा है, बल्कि BRICS देशों के बीच भी अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव की बड़ी वजह

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की बढ़ती जीडीपी केवल आर्थिक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव का संकेत भी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ‘ग्लोबल शिफ्ट अब हकीकत बन चुका है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था बीते एक दशक में दोगुनी हुई है और अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।

अमेरिका की जीडीपी बनी चिंता का विषय?

इस बीच, अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लेकर भी वैश्विक बाजार में चर्चाएं तेज हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका की जीडीपी में उतार-चढ़ाव और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच कई निवेशक भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर रुख कर रहे हैं। यही कारण है कि भारत की आर्थिक वृद्धि और निवेश के अवसरों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है।

क्या भारत बनेगा आर्थिक महाशक्ति?

भारत की यह तेज आर्थिक प्रगति सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है। निवेशकों के लिए भारत एक आकर्षक बाजार बन चुका है, जहां तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं ने घरेलू और विदेशी निवेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

अगर भारत की यह विकास दर इसी तरह बनी रही तो जल्द ही यह विश्व की आर्थिक महाशक्तियों में से एक होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में भारत किस तरह अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में किस तरह अपनी छाप छोड़ता है।